सूर्य ग्रहण: 21 जून 2020 राविवार जानें सूतक काल ग्रहण समय व किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा भाग:-१—-Astrology Sutras
सूर्य ग्रहण: 21 जून 2020 राविवार जानें सूतक काल ग्रहण समय व किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा भाग:-१—-Astrology Sutras
विक्रम संवत 2077 (प्रमादी) का पहला सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास की अमावस्या अर्थात 21 जून 2020 को सिंह लग्न व मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र पर लगेगा इस ग्रहण काल के समय सूर्य, चंद्र व राहु मृगशिरा नक्षत्र के चतुर्थ चरण और बुध पुनर्वसु नक्षत्र के प्रथम चरण और मिथुन राशि से गोचर करेंगे अतः मिथुन राशि, मृगशिरा नक्षत्र के साथ बुध भी ग्रहण के पूर्ण प्रभाव में रहेंगे तथा गोचर में एक साथ 4 ग्रहों का वक्री रहना भी ज्यादा शुभ नही रहेगा जिस कारण से इस ग्रहण के कई अशुभ परिणाम देखने को मिलेंगे, जिन्हें श्वास लेने में कोई परेशानी हो या गले में कोई परेशानी हो या थाइराइड हो वह अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें इस ग्रहण का प्रभाव 21 जून के 15 दिन पूर्व अर्थात 5 जून से देखने को मिलेगा तो चलिए जानते हैं इस ग्रहण का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:-
ग्रहण काल व सूतक समय (काशी के अनुसार):-
विक्रम संवत 2077 का पहला सूर्य ग्रहण मिथुन राशि व मृगशिरा नक्षत्र पर लगेगा जिसका स्पर्श प्रातः 10 बजकर 30 मिनट, मध्य 12 बजकर 18 मिनट और मोक्ष दोपहर के 2 बजकर 04 मिनट पर होगा अतः ग्रहण का संपूर्ण काल 3 घंटे 33 मिनट तक रहेगा, धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण के 12 घंटे पूर्व लगता है अर्थात इस ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात्रि 10 बजकर 30 मिनट से आरंभ होगा इस समयावधि में बालक, वृद्ध व रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नही करना चाहिए।
ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव जानें, किन राशि वालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:-
मेष राशि:-
मेष राशि वालों के लिए यह ग्रहण तीसरे भाव से लगेगा अतः प्रसिद्धि प्राप्त होगी, वाणी पर नियंत्रण रखें व आवेश में आने से बचें, क्रोध पर नियंत्रण रखें, यदि आप सूझ-बूझ से कार्य करेंगे तो यह ग्रहण आपको अनेक शुभ फल देगा अन्यथा भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, धोखा मिलने की संभावना रहेगी, किसी के बारे में गलत विचार मन में न लाएं।
उपाय:- काली गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें व अदित्यहिर्दय स्तोत्र का पाठ करें।
वृषभ राशि:-
वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण दूसरे भाव से लगेगा अतः धन हानि के योग बनेंगे, धन चोरी होने की संभावना रहेगी, व्यर्थ विवाद में न पड़ें, वाणी पर नियंत्रण रखें, परिवार में विवाद हो सकते हैं, तनाव लेने से बचें, किसी भी हस्ताक्षर करने से पहले अच्छे से पढ़कर सोच-विचार अवश्य करें, चतुराई से हर कार्य करें।
उपाय:- सिद्धकुंजिका स्तोत्र का नित्य पाठ करें व गणेश गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
मिथुन राशि:-
मिथुन राशि वालों के लिए यह ग्रहण प्रथम भाव से लगेगा अतः स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, वाणी पर नियंत्रण रखें क्योंकि आपकी वाणी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, वाहन सावधानी से चलाएं, कार्यस्थल पर लोगों से विशेषतः अपने सीनियर से व्यर्थ विवाद न करें।
उपाय:- गणेश संकटनाशन स्तोत्र का नित्य पाठ करें व गणेश गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
कर्क राशि:-
कर्क राशि वालों के लिए यह ग्रहण द्वादश भाव से लगेगा अतः धन हानि की संभावना रहेगी, किसी को भी कर्ज देने से बचें, परिवार में मतभेद होने की संभावना रहेगी, तनाव लेने से बचें, यदि कोई नया कार्य आरंभ करना चाहते हैं तो अभी 4 माह रुक जाएं अन्यथा बड़ा नुकसान होने की संभावना रहेगी, छाती में दर्द व सर्दी-जुकाम और कफ की समस्या हो सकती है।
उपाय:- राम रक्षा स्तोत्र का नित्य पाठ करें व शिव गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
सिंह राशि:-
सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण एकादश भाव से लगेगा जो कि शुभ रहेगा जिसमें धन लाभ के योग बनेंगे, बेरोजगारों को नौकरी प्राप्त होगी, लंबे समय से रुका हुआ कार्य पूर्ण होगा, बड़े भाई-बहन से वैचारिक मतभेद होने व उनके स्वास्थ्य में परेशानी संभव रहेगी, संतान को कष्ट संभव है।
उपाय:- अदित्यहिर्दय व हनुमान बाहुक स्तोत्र का नित्य पाठ करें व हनुमान गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
कन्या राशि:-
कन्या राशि वालों के लिए यह ग्रहण दशम भाव से लगेगा अतः सावधान रहें क्योंकि आने वाले 4 माह आपके लिए नई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, यदि आप नौकरी परिवर्तन का प्रयास कर रहे हैं तो रुक जाएं अन्यथा बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, कार्यस्थल पर लोगों से विवाद करने से बचें व अपने कार्य पर पूर्ण ध्यान दें, आत्मसम्मान को हानि पहुँचने के योग होंगे, धन हानि के योग बनेंगे, व्यापारियों के लिए भी यह 4 माह काफी उतार-चढ़ाव वाला होगा।
उपाय:- सुंदरकांड का नित्य पाठ करें व गणेश गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
तुला राशि:-
तुला राशि वालों के लिए यह ग्रहण नवम भाव से लगेगा अतः भाग्य का पूर्ण सहयोग नही मिल सकेगा, भाग्य वृद्धि हेतु अधिक प्रयास करना पड़ेगा, शत्रुओं से सावधान रहें, किसी भी सरकारी कर्मचारी से व्यर्थ विवाद में न पड़ें तथा यदि आपका कार्य भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है तो सावधान रहें अन्यथा जेल यात्रा भी हो सकती है।
उपाय:- श्री सूक्त का नित्य पाठ करें व सूर्य को जल देकर “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का नित्य जाप करें।
वृश्चिक राशि:-
वृश्चिक राशि वालों के यह ग्रहण अष्टम भाव से लगेगा कुंडली में अष्टम भाव आयु/मृत्यु का भाव है अतः वृश्चिक राशि वाले व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें अन्यथा आयुष्य को भी खतरा हो सकता है स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, पेट, गले, मुख में कोई समस्या संभव है, श्वास लेने में भी समस्या हो सकती है, जिनकी आयु 55-60 या इससे अधिक है वह अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, तामसिक चीजों से परहेज करें अन्यथा बड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं, कार्य व धन के मामले में यह ग्रहण आपके लिए शुभ सिद्ध होगा बेरोजगारों को नौकरी प्राप्त होगी, धन लाभ के योग बनेंगे।
उपाय:- काली गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें व संकटमोचन हनुमानाष्टक का नित्य पाठ करें।
धनु राशि:-
धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण सप्तम भाव से लगेगा अतः स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, आयु सुरक्षित रहेगी फिर भी स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें, मान हानि हो सकती है, धैर्य व संयम से हर कार्य करें, जीवनसाथी से विवाद करने से बचें अन्यथा रिश्तों में दिक्कतें पैदा हो सकती है, दामपत्य सुख में कमी रहेगी।
उपाय:- विष्णुसहस्त्र नाम का नित्य पाठ करें व दुर्गा गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
मकर राशि:-
मकर राशि वालों के लिए यह ग्रहण षष्ठ भाव से लगेगा अतः किसी पुराने रोग से मुक्ति मिलेगी, पुराने कर्ज से मुक्ति मिल सकती है, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों के लिए भी यह ग्रहण शुभ रहेगा, कोर्ट-कचहरी के मुकदमों में विजय प्राप्त होगी, जीवन में उथल-पुथल बना रहेगा।
उपाय:- कृष्ण चालीसा का नित्य पाठ करें व गणेश गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
कुंभ राशि:-
कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण पंचम भाव से रहेगा अतः संतान को कष्ट संभव रहेगा, गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, विद्यार्थियों के शिक्षा में कोई व्यवधान संभव है, क्रोध पर नियंत्रण रखें, परिवार मे विवाद हो सकते हैं, इच्छाएं अधूरी पूरी होंगी।
उपाय:- हनुमान गायत्री मंत्र व सुंदरकांड का नित्य पाठ करें।
मीन राशि:-
मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण चतुर्थ भाव से लगेगा अतः पानी व अग्नि से सावधानी बरतें, पैर फिसल गर गिरने से चोट लगने की संभावना रहेगी, सर व पैर के निचले हिस्से में चोट या दर्द की समस्या रह सकती है, अनिद्रा की समस्या भी संभव है, माता को कष्ट संभव है, पारिवारिक सुख में कमी अनुभव होगी, पड़ोसियों विशेषतः जो आपके घर के पश्चिम दिशा की तरफ हों उनसे विवाद से बचें अन्यथा पराजय के साथ भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
उपाय:- मधुराष्टकं का नित्य पाठ करें व काली गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें।
जय श्री राम।
Astrologer:-Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470
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