सावन माह 2020: जानें सावन माह पूजा, व्रत विधि व सावन माह से जुड़ी पौराणिक कथा

सावन माह 2020: जानें सावन माह पूजा, व्रत विधि व सावन माह से जुड़ी पौराणिक कथा

 

श्रावण मास 2020

श्रावण मास 2020

 

भगवान शिव को अतिप्रिय श्रावण मास इस वर्ष 6 जुलाई 2020 सोमवार के दिन से आरंभ होकर 3 अगस्त 2020 सोमवार तक चलेगा इस वर्ष श्रावण मास में  5 सोमवार पड़ेंगे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास शिव जी को अति प्रिय है व इस दिन किए गए तप व व्रत का कई गुना फल प्राप्त होता है मान्यता है कि जिनके विवाह में बाधा आ रही हो या जिनके दामपत्य जीवन में कलह-क्लेश होते हों या जिनके बनते हुए कार्य बिगड़ जाते हों या जिनकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ भाव के स्वामी हों  या जिनकी कुंडली में बालारिष्ट/अल्पायु योग होउन्हें श्रावण मास के सोमवार का व्रत कर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए इससे उनके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं व परम सुख की प्राप्ति होती है।

 

श्रावण मास व्रत व पूजन विधि:-

 

श्रावण सोमवार पूजा विधि

श्रावण सोमवार पूजा विधि

 

सुबह स्नानादि के पश्चात शिवलिंग के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए तदोपरान्त शिवलिंग पर दुग्ध मिश्रित जल से अभिषेक करना चाहिए उसके बाद पंचामृत (दूध, दहीं, देसी घी, चीनी, शहद) से शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए तदोपरान्त 8 विल्वपत्र अर्पित करते हुए विल्वाष्टकम् का पाठ करना चाहिए व वस्त्र अर्पित कर फूल, फल, नैवेध अर्पित करते हुए देसी घी से निर्मित दीपक अर्पित करना चाहिए व शिव स्तुति करनी चाहिए।

विशेष:-

 

शिव जी का रुद्राभिषेक करने से विशेष लाभ होता है।

 

श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार:-

 

6 जुलाई श्रावण प्रथम सोमवार

13 जुलाई श्रावण द्वितीय सोमवार

20 जुलाई श्रावण तृतीय सोमवार

27 जुलाई श्रावण चतुर्थ सोमवार

3 अगस्त श्रावण पंचम सोमवार

 

श्रावण मास की पौराणिक कथा:-

 

श्रावण मास की संपूर्ण जानकारी

श्रावण मास की संपूर्ण जानकारी

 

पौराणिक कथा के अनुसार जब ऋषि मार्कण्डेय को यह ज्ञात हुआ था कि वह अल्पायु हैं और उनकी आयु पूर्ण होने वाली है तो उन्होंने श्रावण मास में ही दीर्घायु के लिए शिव जी का घोर तप किया था जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें दीर्घायु होने का वरदान दिया था, शिव महापुराण के अनुसार जब “सनत कुमारों” ने शिव जी से श्रावण मास को उनके अत्यधिक प्रिय होने का कारण पूछा था तब शिव जी ने बताया था कि देवी पार्वती ने श्रावण मास के प्रथम सोमवार से ही 16 सोमवार के व्रत का आरंभ किया था व निराहार रहते हुए घोर तप कर उन्होंने शिव जी को पति रूप में प्राप्त किया था, एक अन्य ग्रंथ के अनुसार श्रावण मास में ही समुद्र मंथन आरंभ हुआ था।

 

ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से श्रावण मास में शिव जी का विधि-विधान से पूजन करता है व श्रावण मास के सोमवार का व्रत करता है शिव जी उससे प्रसन्न होकर उसे मनोवांछित फल देते हैं व उसके सभी पापों का नाश कर उसे परम सुख और दीर्घायु देते हैं।

 

जय श्री राम।

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470

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