गुरु पूर्णिमा 2021 जानिए वर्ष 2021 में कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा व गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा 2021 जानिए वर्ष 2021 में कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा व गुरु पूर्णिमा का महत्व
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है जो कि इस वर्ष २०२१ में २४ जुलाई को मनाई जाएगी, “ऋषिकेश पंचांग” के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि २३ जुलाई २०२१ को दिन के ०९:३४ से लगेगी जो कि २४ जुलाई २०२१ को दिन के ०७:४१ तक रहेगी, गुरु पूर्णिमा व व्यास पूजा के लिए आषाढ़ शुदी पूर्णिमा तीन मुहर्त अर्थात दो घटी से अधिक होनी चाहिए जैसा कि “धर्म सिंधु” के पृष्ठ संख्या ८९ में लिखा है:-
अस्यां पौर्णमास्यां सन्यासिनां चतुर्मास्यावास संकल्पांगत्वेन क्षौर व्यासपूजादिकं विहितम्।
अत्रकर्मण्यौदायिकी त्रिमुहूर्ता पौर्णमासी ग्राह्मा।।
यही बात निर्णयसिन्धु के पृष्ठ संख्या २१९ पर भी लिखित है:-
अत्रैव आषाढ़ शुक्ल पौर्णमास्यां व्यासपूजोकता।
तत्र त्रिमुहूर्ताचैत्परैवेति सन्यासपद्धतौ।।
इस वर्ष २०२१ में २४ जुलाई २०२१ को आषाढ़ी पूर्णिमा सूर्योदयान्तर ०६ घटी ०३ पल सूक्ष्माति सूक्ष्म गणित द्वारा सिद्ध हो रही है अतः गुरु पूर्णिमा व व्यासा पूर्णिमा २४ जुलाई २०२१ को शनिवार के दिन ही सर्वमान्य होगा।
गुरु पूर्णिमा को क्यों कहते हैं व्यास पूर्णिमा:-
धर्म शास्त्रों के अनुसार गुरु का स्थान सर्वोच्च होता है क्योंकि गुरु ही हमे हमारे जीवन के अंतिम लक्ष्य “मोक्ष” को प्राप्त करने का मार्ग बतलाते हैं ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार “गुरु” शब्द में प्रथम अक्षर “गु” का अर्थ होता है “अहंकार” व द्वितीय अक्षर “रू” का अर्थ होता है “अंधकार का निरोधक” अर्थात जो व्यक्ति को “अंधकार” से “प्रकाश” की ओर ले आए वह “गुरु” होता है, “धर्म-शास्त्रों” में “गुरु” को ब्रह्मा, विष्णु व महेश के समान ही पूज्य बतलाया है।
वेद, उपनिषद एवं पुराणों प्रणयन करने वाले “व्यास जी” को पूरे मानव जाति का गुरु माना गया है जिनका जन्म आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को हुआ था जिस कारण से “आषाढ़ पूर्णिमा” को “व्यास पूर्णिमा” व “गुरु पूर्णिमा” कहा जाता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470, 7007245896
Email:- pooshark@astrologysutras.com
Ji dhanyawad……