कोरोना और ज्योतिष जानिए ज्योतिषीय आकलन के अनुसार कब मिलेगी कोरोना से मुक्ति

कोरोना और ज्योतिष जानिए ज्योतिषीय आकलन के अनुसार कब मिलेगी कोरोना से मुक्ति

भाग:-१

 

कोरोना और ज्योतिष: जानिए, कब मिलेगी कोरोना से मुक्ति

कोरोना और ज्योतिष: जानिए, कब मिलेगी कोरोना से मुक्ति

 

कोरोना एक ऐसी महामारी जिसने सिर्फ भारत ही नही अपितु पूरे विश्व में त्राहि-त्राहि मचा रखी है अनगिनत लोग इस महामारी के प्रभाव में आकर असमय ही काल के मुख में समा रहे हैं इस महामारी को लेकर हमारे पंचांगों ने पूर्व में ही सतर्क किया था कि “इस वर्ष (२०१९-२०२०) में विषाणु जनित महामारी का प्रकोप रहेगा।” किंतु यह महामारी इतनी भयानक होगी यह किसी ने नही सोचा था ३ मई २०२१ को प्रातः १० बजकर २१ मिनट पर मुझसे कई वर्षों से जुड़े एक सदस्य के मन में यह जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि इस महामारी का अंत कब होगा और कब हम इन परिस्थितियों से बाहर आ सकेंगे तो उस समय के आधान लग्न व आजाद भारत की कुंडली की विवेचना करने का एक प्रयास करता हूँ।

 

इस विवेचना को लिखने से पूर्व सर्वप्रथम मैं अपने इष्ट व अपने आराध्य जिन्हें मैं अपने गुरु रूप में भी पूजता हूँ उनके (श्री हनुमान जी व बाबा महादेव) चरण कमलों में नमन करता हूँ व इस महामारी से मुक्ति की प्राथना करता हूँ और साथ ही यह प्राथना करता हूँ कि मुझ पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं जिससे मैं इस महामारी पर सही विवेचना कर सकूँ🙏🏻

प्रश्न कुंडली से फलकथन:-

 

प्रश्न लग्न कुंडली

प्रश्न लग्न कुंडली

 

३ मई २०२१ को प्रातः १०:२१पर कर्क लग्न जो कि चर लग्न है प्राप्त होता है जिनके स्वामी अर्थात लग्नेश चंद्रमा सप्तम भाव जिसे मारक स्थान भी कहते हैं वहाँ शनि के साथ स्थित होकर विष योग का सृजन कर रहे हैं साथ ही मंगल व राहु से दृष्ट भी हैं अतः इस वर्ष भी कोरोना महामारी को लेकर मन में तनाव, भय का संचार होता रहेगा चूँकि कर्क लग्न की कुंडली में मंगल राजयोगकारक हो जाता है अतः मंगल का सप्तम भाव को अपनी उच्च राशि मकर में देखने के कारण से भारत तकनीकी क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ेगा हालांकि बात कोरोना महामारी की हो रही है तो मंगल व राहु की दृष्टि सप्तम भाव पर आने से मारक स्थान पर एक साथ चार अशुभ योगों (शनि-चंद्र से विष योग, राहु-शनि से पिशाच योग, शनि-मंगल से द्वंद योग व राहु-चंद्र से ग्रहण योग) का बनना विपत्तियों व संघर्षों का सूचक है अतः इस वर्ष भारत को कोरोना महामारी के साथ-साथ अन्य बीमारियों व अनेक प्रकार की विपत्तियों जैसे आतंकवादी घटनाएं, भूकम्प, आग से जान-माल की हानि, तूफान आदि का सामना निकट भविष्य में करना पड़ सकता है हालांकि गुरु भाग्येश होकर अष्टम भाव में बैठे हैं तो यह कुछ हद तक विपरीत परिस्थितियों में कड़े संघर्ष व कुछ कठोर नियमों के साथ राहत प्रदान करने के योग बनाएंगे किंतु कर्क लग्न की कुंडली में गुरु षष्ठेश भी होते हैं अतः गुरु का अष्टम में होना लोगों को स्वास्थ्य जनित समस्याएं देता रहेगा, धन भाव का स्वामी सूर्य दशम भाव में दिग्बली होकर अपनी उच्च राशि मेष में अस्त ग्रह शुक्र के साथ बैठे हैं और चतुर्थ भाव में नीचभंग राजयोग बनने के कारण से भारत दवा व वैक्सीन के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ेगा और भारत के आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह स्थिति शुभ रहेगी जिससे भारत की GDP में पिछले वर्ष की तुलना में कुछ वृद्धि होगी चंद्रमा का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण से गोचर होने के कारण व वर्तमान में चन्द्र में मंगल की अंतर्दशा होने के कारण से अभी इस बीमारी से बड़ी राहत मिलती नही दिख रही है वर्तमान में १ मार्च २०२१ से १७ अगस्त २०२१ तक गोचर में राहु का प्रभाव काफी अधिक रहने वाला है जिस कारण से इन समय में कोरोना महामारी में अप्रत्याशित वृद्धि होती रहेगी हालांकि अन्य ग्रहों का गोचर में संचार बीच-बीच में ठीक होते रहने के कारण से लोग तेजी से स्वस्थ होते रहेंगे, अगस्त के मध्य भाग में राहु का प्रभाव गोचर में कम होने से कोरोना महामारी में कुछ कमी देखने को मिलेगी किंतु जल्द ही अर्थात १७ अक्टूबर २०२१ की रात्रि के ३ बजकर २७ मिनट पर सूर्य अपनी नीच राशि तुला से गोचर करेंगे व १८ अक्टूबर २०२१ को शुक्र दिन में ७ बजकर ४० मिनट से ज्येष्ठा नक्षत्र और शनि मार्गी अवस्था में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के चतुर्थ चरण से गोचर करेंगे उस समय शुक्र व केतु की युति पुनः कोरोना वृद्धि का सूचक रहेगी जिसमें कोरोना में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलेगी जिसे संसार कोरोना की तीसरी लहर के नाम से जानेगा।

 

निष्कर्ष:-

 

१३ फरवरी २०२२ को सूर्य दिन में ७ बजकर ३३ मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तब कोरोना महामारी में कुछ राहत अनुभव होगी हालांकि बीच-बीच में गोचर में ग्रहों की स्थिति ठीक होने पर कोरोना महामारी में कुछ अप्रत्याशित कमी भी देखने को मिल सकती है किंतु १३ फरवरी २०२२ से पूर्व इससे पूर्णतया लाभ मिलता नही दिख रहा है।

 

आर्टिकल की लंबाई को ध्यान में रखते हुए आजाद भारत की कुंडली से कोरोना महामारी पर विवेचना अपने अगले आर्टिकल में प्रकाशित करूँगा।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470, 7007245896

Email:- pooshark@astrologysutras.com

4 replies
  1. अमित+कुमार+सोनी
    अमित+कुमार+सोनी says:

    जय श्री राम
    अतिउतम जानकारी

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  2. Maanik
    Maanik says:

    हमारे अनुसार ज्येष्ठ मास अति विध्वंसक होगा। उसके बाद राहत आना संभावित है।

    Reply
  3. Maanik
    Maanik says:

    सावन में राहत और पतझड़ में इस बीमारी का पतन हो जाएगा

    Reply
    • Astrologer Pooshark Jetly
      Astrologer Pooshark Jetly says:

      राम-राम जी,

      ईश्वर से प्राथना करता हूँ कि आपका कथन सही हो व कोरोना से राहत अति शीघ्र मिले किंतु प्रश्न कुंडली के मारक भाव में 4 अशुभ योगों का होना अशुभ है ईश्वर सबकी रक्षा करें।

      जय श्री राम।

      Reply

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