अप्रैल २०२१ के विविध मुहर्त
अप्रैल २०२१ के विविध मुहर्त
१ अप्रैल २०२१ चतुर्थी तिथि गुरुवार को विशाखा नक्षत्र में रोगविमुक्त स्नान मुहर्त है, रिक्ता (दिन ०३:३१) बाद अनुराधा नक्षत्र में गर्भाधान नवीन खटिया-चौकी आदि का उपभोग, नवीन वस्त्र धारण, वाटिकारोपण, दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य दिशा की यात्रा, दँवरी शिल्प विद्या औषध सेवन नवनिर्माण विपणि व्यापार वाहन खरीदने, ऑपेरशन करवाने आदि का मुहर्त है।
२ अप्रैल २०२१ पंचमी तिथि शुक्रवार को व्यतिपात (प्रातः ०७:११) से पूर्व अनुराधा नक्षत्र में जातकर्मनामकरण शिशुताम्बूलभक्षण भूम्युपवेशन अन्नप्राशन नवीन खटिया-चौकी आदि का उपभोग, नवीन वस्त्र धारण, वाटिकारोपण, पश्चिम दिशा को छोड़कर अन्य दिशा की यात्रा, दँवरी शिल्प विद्या औषध सेवन नवनिर्माण विप्रकुमारों का उपनयन (ल. १२ सू. दा.) विपणि व्यापार वाहन खरीदने का मुहर्त है, ज्येष्ठा में केतु युति तथा व्यतिपात है।
३ अप्रैल २०२१ षष्ठी तिथि शनिवार को दिन ८:२३ के बाद भद्रा पूर्व मूल में शस्त्र निर्माण मुहर्त है।
४ अप्रैल २०२१ सप्तमी तिथि रविवार को मूल में पुंसवनसीमन्त वाटिकारोपण औषधि सेवन नवनिर्माण शस्त्रनिर्माण फसल काटने का मुहर्त है।
५ अप्रैल २०२१ अष्टमी तिथि सोमवार को प्रातः ६:०१ के बाद उत्तराषाढा नक्षत्र में भौमवेध है।
६ अप्रैल २०२१ दशमी तिथि मंगलवार को श्रवण नक्षत्र में शनियुति तथा भद्रा है।
७ अप्रैल २०२१ एकादशी तिथि बुधवार को धनिष्ठा नक्षत्र में जातकर्मनामकरण शिशुताम्बूलभक्षण गर्भाधान नवीनवस्त्र धारण पशुओं की खरीद-विक्री मकर के चंद्रमा में पूर्व-दक्षिण तथा कुंभ के चंद्रमा में पश्चिम दिशा की यात्रा (एकादशी में) औषध सेवन वाहन खरीदने फसल काटने का मुहर्त है।
८ अप्रैल २०२१ द्वादशी तिथि गुरुवार को शतभिषा नक्षत्र में जातकर्मनामकरण शिशुताम्बूलभक्षण गर्भाधान वाटिकारोपण पशुओं की खरीद-विक्री नवनिर्माण वस्तुक्रय वाहन खरीदने ऑपेरशन करवाने व फसल काटने का मुहर्त है।
नोट:-
९ अप्रैल २०२१ त्रयोदशी तिथि शुक्रवार से १२ अप्रैल २०२१ अमावस्या सोमवार अर्थात सोमवती अमावस्या तक मासांतदोष है।
१३ अप्रैल २०२१ प्रतिपदा तिथि मंगलवार को चंद्रदर्शन, चैत्र नवरात्रि आरंभ, शैलपुत्री दर्शन, घट स्थापना मुहर्त ०८:४७ से १२:२५ तक, अभिजीत मुहर्त ११:३५ से १२:२५ तक, भौम अश्विन्यां सूर्य युति:।
१४ अप्रैल २०२१ द्वितीया तिथि बुधवार को भरण्यां सूर्यभोग्यम्।
१५ अप्रैल २०२१ तृतीया तिथि गुरुवार को रात्रि १:५१ विष्टे: पूर्वं कृत्तिकायां शनि वेधः (४ थ्यां) रोगविमुक्तस्नान मुहर्त:।
१६ अप्रैल २०२१ चतुर्थी तिथि शुक्रवार रोहिण्यां राहुयुति:।
१७ अप्रैल २०२१ पंचमी तिथि शनिवार मृगे भौमयुति:।
१८ अप्रैल २०२१ षष्ठी तिथि रविवार आर्द्रायां सूर्यभोग्यम्।
१९ अप्रैल २०२१ सप्तमी तिथि सोमवार रात्रि ६:५४ विष्टे: पूर्वं पुनर्वसु जातकर्मनामकरण शिशुताम्बूलभक्षण अन्नप्राशन भूषाघटन गोक्रय विक्रय शिल्पविद्या मुहर्त:।
२० अप्रैल २०२१ अष्टमी तिथि मंगलवार प्रातः ६:५६ विष्टे: परं पुष्ये केतु वेधः।
२१ अप्रैल २०२१ नवमी तिथि बुधवार श्लेषायां रिक्तादोषश्च।
२२ अप्रैल २०२१ दशमी तिथि गुरुवार मघायां कर्णमर्दन हलप्रवहण धान्यच्छेदन मुहर्त:।
२३ अप्रैल २०२१ एकादशी तिथि शुक्रवार पू. फ़ा. भे सूर्यवेध:।
२४ अप्रैल २०२१ द्वादशी तिथि शनिवार उ. फ़ा. भे सूर्यवेधावसानंनचद्रभुक्तम शुभम्।
२५ अप्रैल २०२१ त्रयोदशी तिथि रविवार दिन १:५० रिक्तापूर्वं हस्ते पुसंवन सीमन्त शिशुताम्बूलभक्षण सूतिस्नान शय्यासनाद्युपभोग नववस्त्रसुवर्णरत्नधारण गोक्रय विक्रय शिल्पविद्या भैषज्य नौकाघटन रोगविमुक्त स्नान (१४ दश्यां) जलाशयारामसुरप्रतिष्ठा (ल. ५ दिन १:०५ उ.) बीजोप्ति इष्टिका निर्माण विपणि गजाश्वकृत्य शिरामोक्षण धान्यच्छेदन मुहर्त:।
२६ अप्रैल २०२१ चतुर्दशी तिथि सोमवार रात्रि १०:३५ विष्टेरिक्तोत्तरं स्वात्यां गृहारम्भ: (ल. ९ रात्रि १०:३५ उ. १२ स्थ के. दा.) मुहर्त:।
२७ अप्रैल २०२१ पूर्णिमा तिथि मंगलवार स्वात्यां सूतिस्नान रक्तवस्त्रप्रवालरत्न धारण गजकृत्य शिरामोक्षण मुहर्त:।
२८ अप्रैल २०२१ प्रतिपदा तिथि बुधवार रात्रि ७:४५ उ. मैत्रे शय्यास्नाद्युपभोग नववस्त्रसुवर्णरत्न धारण लतापादपारोपण पश्चिम दिगयात्रा कर्णमर्दन नवान्नभक्षण शिल्पविद्या जलाशयारामसुरप्रतिष्ठा (ल. ९ रात्रि ९:५४ उ.) द्विरागमन (ल. १२ रात्रि ३:१८) गृहारंभ: (ल. ९ रात्रि ९:५४ उ. १२ स्थ के. दा.) बीजोपति विपणि गजकृत्य मुहर्त:।
२९ अप्रैल २०२१ तृतीया तिथि गुरुवार दिन ३:२० विष्टे: पूर्वं मैत्रे जातकर्मनामकरण शिशुताम्बूलभक्षण भूम्युपवेशन अन्नप्राशन सूतिस्नान शय्यासनाद्युपभोग नववस्त्रसुवर्णरत्नधारण लतापादपारोपण पश्चिम-दक्षिण दिगयात्रा कर्णमर्दन नवान्नभक्षण शिल्पविद्या नौकाघटन कर्णवेधः अक्षरारम्भ द्विरागमन (ल.२ प्रातः ६:२२ उ.) विद्यारम्भ: उपनयन जलाशयारामसुरप्रतिष्ठा गृहारम्भ: (ल. ५ दिन १२:५० उ.) वधुप्रवेश (ल. २ दिन ८:१८ लग्नस्थ रा. दा. वा ल. ५ दिन १२:५० उ.) बीजोपति विपणि व्यापार गजकृत्य शिरामोक्षण मुहर्त:।
३० अप्रैल २०२१ चतुर्थी तिथि शुक्रवार ज्येष्ठायां रिक्तादोष: रोगविमुक्त स्नान मुहर्त:।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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