दैनिक पंचांग: 26 अगस्त 2020 बुधवार (सौम्यवासरे) जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर किस प्रकार बनाना चाहिए
दैनिक पंचांग: 26 अगस्त 2020 बुधवार (सौम्यवासरे) जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर किस प्रकार बनाना चाहिए
दिनांक:- 26-अगस्त-2020
वार:- बुधवार (सौम्यवासरे)
तिथि:- अष्टमी 14:12 तक/नवमी
माह:- भाद्रपद
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
नक्षत्र:- अनुराधा 17:25 तक/ज्येष्ठा
योग:- वैधृति (रात्रि 12:23 तक)/विष्कुंभ
करण:- बव उपरांत बालव
अयन:- दक्षिणायण
सूर्योदय:- 5:40 (काशी अनुसार)
सूर्यास्त:- 18:20 (काशी अनुसार)
सूर्य:- सिंह
चन्द्रमा:- वृश्चिक
बुध:- सिंह
गुरु:- धनु
शुक्र:- मिथुन
शनि:- मकर
राहु:- मिथुन
केतु:- धनु
दिशा शूल:- उत्तर
निवारण उपाय:- तिल का सेवन
ऋतु:- वर्षा ऋतु
गुलिक काल:- 10:30 से 12:00 तक
राहु काल:- 12:00 से 13:30 तक
अभीजित:- नहीं हैं
विक्रम सम्वंत:- 2077
शक सम्वंत:- 1942
युगाब्द:- 5122
सम्वंत सर नाम:- प्रमादी
चोघङिया दिन
लाभ:- 06:10 से 07:47 तक
अमृत:- 07:47 से 09:24 तक
शुभ:- 11:01 से 12:38 तक
चंचल:- 15:52 से 17:29 तक
लाभ:- 17:29 से 19:01 तक
चोघङिया रात
शुभ:- 20:25 से 21:48 तक
अमृत:- 21:48 से 23:11 तक
चंचल:- 23:11 से 00:34 तक
लाभ:- 03:20 से 04:43 तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 155वाँ दिन, दुर्गाष्टमी, बुधाष्टमी, राधाष्टमी व्रत, श्री दधिची जयंती, मे. भर्तृहरी 03 दिन का प्रा. अलवर (राज.), वैधृति पुण्यं , गंडमूल प्रारंभ 13:04 से, गौरी पूजन, तल नवमी (बंगाल/उड़ीसा), भाद्रपद शुक्ल अष्टमी, महाऋषि दधिची जयंती सालासर बालाजी मंदिर में।
वास्तु टिप्स
यदि भावना वश मंदिर बनाना हो तो देवी-देवताओं का मुख पूर्व दिशा की ओर रखें लेकिन शनि, पीर या अन्य देवताओं के मंदिर न बनाएं, सौम्य देवताओं व लक्ष्मी का मंदिर पश्चिम दिशा में ही रखें।
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