31 मई 2021 सोमवार “चंद्रवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
31 मई 2021 सोमवार “चंद्रवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 31 मई 2021
वार:- सोमवार (चंद्रवासरे)
तिथि:- पंचमी प्रातः ०६:४६ तक तदोपरांत षष्ठी
पक्ष:- कृष्ण पक्ष
माह:- ज्येष्ठ
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- श्रवण रात्रि ०८:५० तक तदोपरांत धनिष्ठा
योग:- ब्रह्म दिन १०:४९ तक तदोपरांत ऐन्द्र
करण:- तैतिल उपरांत गर
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- १५°२४’५६”
चंद्रमा:- मकर
मंगल:- मिथुन
बुध:- मिथुन
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- मिथुन
शनि:- मकर (वक्री)
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:१६ (काशी)
सूर्योदय:- ०५:२९ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:३७ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:४४ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०९ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:२० (सालासर)
चंद्रोदय:- ११:४२ (काशी)
दिनमान:- ३३:३९ (काशी)
दिशा शूल:- पूर्व
निवारण उपाय:- दूध का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- १३:३० से १५:००
राहु काल:- ०७:३० से ०९:००
अभिजीत मुहर्त:- १२:०४ से १२:५२
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २७°३४’१६”
बुध:- ००°४५’०१”
गुरु:- ०८°४७’४१”
शुक्र:- ०३°३८’४७”
शनि:- १५°२०’५६”
राहु:- १६°३८’२३”
केतु:- १६°३८’२३”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:११ तक
मिथुन लग्न:- ०८:२५ तक
कर्क लग्न:- १०:४३ तक
सिंह लग्न:- १२:५७ तक
कन्या लग्न:- ०३:१० तक
तुला लग्न:- ०५:२६ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०७:४३ तक
धनु लग्न:- ०९:४९ तक
मकर लग्न:- ११:३६ तक
कुंभ लग्न:- ०१:०७ तक
मीन लग्न:- ०२:३५ तक
मेष लग्न:- ०४:१२ तक
चौघड़िया दिन
अमृत:- ०५:३७ से ०७:२०
शुभ:- ०९:०३ से १०:४६
चंचल:- ०२:१२ से ०३:५५
लाभ:- ०३:५५ से ०५:३८
अमृत:- ०५:३८ से ०७:२०
चौघड़िया रात
चंचल:- ०७:२० से ०८:३७
लाभ:- ११:११ से १२:२८
शुभ:- ०१:४५ से ०३:०२
अमृत:- ०३:०२ से ०४:१९
चंचल:- ०४:१९ से ०५:३७
आज के विशेष योग
वर्ष का ४९ वाँ दिन, सर्वार्थसिद्धि योग रात्रि ०८:५० तक, रवि योग रात्रि ०८:५० से, विवाह मुहर्त धनिष्ठा नक्षत्र में, श्रवण नक्षत्र में शनि युति है चंद्रमा से ४° उत्तर में शनि प्रातः ०९:१० पर।
वास्तु टिप्स
पूजा घर में स्थान के छोटे-बड़े होने की स्थिति में इसे इन्ही दिशाओं में बड़े कक्ष अथवा छोटे से लकड़ी के मंदिर के रूप में स्थापित करना आवश्यक है।
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