3 फरवरी 2023 का पंचांग–Astrology Sutras
दिनांक:– 3 फरवरी 2023
वार:- शुक्रवार (भृगुवासरे)
तिथि:- त्रयोदशी शाम ०६:४४ तक तदोपरांत चतुर्दशी
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
माह:- माघ
नक्षत्र:- आर्द्रा प्रातः ०६:३८ तक तदोपरांत पुनर्वसु
योग:- विष्कुंभ दिन ०१:३० तक तदोपरांत प्रीति
करण:- तैतिल उपरांत गर
चन्द्रमा:- मिथुन मध्य रात्रि ०२:३० पर तदोपरांत कर्क
सूर्योदय:- ०६:३३ (काशी)
सूर्यास्त:- ०५:२७ (काशी)
चंद्रास्त:- ०५:५० (काशी)
दिनमान:- २७:१६ (काशी)
दिशा शूल:- पश्चिम
निवारण उपाय:- जौं का सेवन
ऋतु:- शिशिर
गुलिक काल:- ०८:३१ से ०९:५४
राहुकाल:- ११:१८ से १२:४१
अभिजीत:- १२:१९ से ०१:०३
विक्रम सम्वंत:- २०७९
शक सम्वंत:- १९४४
युगाब्द:- ५१२४
सम्वंत सर नाम:- राक्षस
आज के विशेष योग
वर्ष का ३०७ वाँ दिन, कर्क राशि के चंद्र मध्य रात्रि ०२:३० पर, कल्पादि १३, संपूर्ण माघ मास में स्नान करने में असमर्थ हों तो अंतिम तीन दिनों में स्नान करने से पूरे माघ मास के स्नान का पुण्यफल प्राप्त होता है, मृत्युबाण समाप्ति शाम ०५:२९ पर, सर्वार्थसिद्धियोग व रवियोग प्रातः ०६:३८ से, श्री विश्वकर्मा जयंती, डेजर्ट उत्सव प्रारंभ ३ दिवस जैसलमेर में, मेला पावन धाम, पंचखण्डेश्वर पीठ विराटनगर राजस्थान में, गुरु गोरखनाथ जयंती, मुनि धर्मनाथ जयंती, गुरु हरिराय जयंती प्राचीन मतानुसार, मोढेश्वरी माता का पाटोत्सव गुजरात में, प्रातः ०६:३८ से शाम ०६:४४ तक अन्नप्राशन, नवीन खटिया-चौकी आदि का उपभोग, सौभाग्यवती को छोड़कर अन्य सभी के लिए नवीन वस्त्र धारण, पशुओं की खरीद-बिक्री, दक्षिण दिशा की यात्रा, नवान्नभक्षण, शिल्पविद्या, औषध सेवन, नावनिर्माण, वाहन क्रय करने का मुहर्त्त है, चौलमुण्डन, कर्णवेध व जलाश्यारामसुर प्रतिष्ठा प्रातः ०७:०९ से ०८:४० तक कुंभ लग्न में मुहर्त्त है।
वास्तु टिप्स
ऑफिस में कंप्यूटर को दक्षिण-पूर्व दिशा में टेबल पर रखना शुभ होता है।
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