29 मई 2021 शनिवार “मंदवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
29 मई 2021 शनिवार “मंदवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 29 मई 2021
वार:- शनिवार (मंदवासरे)
तिथि:- तृतीया दिन १०:०५ तक तदोपरांत चतुर्थी
पक्ष:- कृष्ण पक्ष
माह:- ज्येष्ठ
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- पूर्वाषाढा रात्रि १०:०९ तक तदोपरांत उत्तराषाढ़ा
योग:- शुभ सायं ०३:२५ तक तदोपरांत शुक्ल
करण:- विष्टि उपरांत वव
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- १३°३०’२१”
चंद्रमा:- धनु रात्रि ०३:५६ तक तदोपरांत रात्रि ०३:५७ से मकर
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- मिथुन
शनि:- मकर (वक्री)
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:१७ (काशी)
सूर्योदय:- ०५:२९ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:३८ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:४३ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०७ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:१९ (सालासर)
चंद्रोदय:- १०:०२ (काशी)
दिनमान:- ३३:३५ (काशी)
दिशा शूल:- पूर्व
निवारण उपाय:- दूध की मिठाई का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- ०५:२४ से ०७:०७
राहु काल:- ०८:५१ से १०:३४
अभिजीत मुहर्त:- ११:५० से १२:४६
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २६°२१’२८”
बुध:- ००°३५’२४”
गुरु:- ०८°३९’२७”
शुक्र:- ०१°११’५९”
शनि:- १५°२३’१९”
राहु:- १६°४४’४५”
केतु:- १६°४४’४५”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:१९ तक
मिथुन लग्न:- ०८:३३ तक
कर्क लग्न:- १०:५१ तक
सिंह लग्न:- ०१:०५ तक
कन्या लग्न:- ०३:१८ तक
तुला लग्न:- ०५:३४ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०७:५१ तक
धनु लग्न:- ०९:५७ तक
मकर लग्न:- ११:४४ तक
कुंभ लग्न:- ०१:१५ तक
मीन लग्न:- ०२:४३ तक
मेष लग्न:- ०५:२० तक
चौघड़िया दिन
शुभ:- ०७:२१ से ०९:०४
चंचल:- १२:३० से १४:१३
लाभ:- १४:१३ से १५:५६
अमृत:- १५:५६ से १७:३९
चौघड़िया रात
लाभ:- १९:१९ से २०:३६
शुभ:- २१:५३ से २३:१०
अमृत:- २३:१० से ००:२७
चंचल:- ००:२७ से ०१:४४
लाभ:- ०४:१८ से ०५:३८
आज के विशेष योग
वर्ष का ४७ वाँ दिन, भद्रा दिन १०:०५ तक, मकर के चंद्र रात्रि ०३:५७ पर, , संकष्ठी श्री गणेश चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि १०:०२ (काशी), पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में दिन में १०:०५ के बाद रिक्ता दोष है तथा रोगविमुक्त स्नान मुहर्त है, विवाह मुहर्त उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में, माँ आनन्दमयी जयंती, चौ. चरण सिंह पुण्य दिवस।
वास्तु टिप्स
मुख्य द्वार के सामने नाली हो या पानी सदैव बहना अनावश्यक खर्च का प्रतीक होता है।
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