28 मई 2021 शुक्रवार “भृगुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
28 मई 2021 शुक्रवार “भृगुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 28 मई 2021
वार:- शुक्रवार (भृगुवासरे)
तिथि:- द्वितीया दिन १२:११ तक तदोपरांत तृतीया
पक्ष:- कृष्ण पक्ष
माह:- ज्येष्ठ
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- मूल रात्रि ११:२० तक तदोपरांत पूर्वाषाढ़ा
योग:- साध्य सायं ०६:०७ तक तदोपरांत शुभ
करण:- गर उपरांत वणिज
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- १२°३३’०२”
चंद्रमा:- धनु
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- वृषभ दिन ०५:५४ तक तदोपरांत मिथुन
शनि:- मकर (वक्री)
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:१७ (काशी)
सूर्योदय:- ०५:२९ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:३८ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:४३ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०७ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:१९ (सालासर)
दिनमान:- ३३:३३ (काशी)
दिशा शूल:– पश्चिम
निवारण उपाय:- जौं का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- ०७:३० से ०९:००
राहु काल:- १०:३० से १२:००
अभिजीत मुहर्त:- १२:०४ से १२:५२
विक्रम संवत:– २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २५°४५’०३”
बुध:- ००°२३’२२”
गुरु:- ०८°३३’२५”
शुक्र:- २९°५८’३५”
शनि:- १५°२५’३०”
राहु:- १६°४७’५६”
केतु:- १६°४७’५६”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:२३ तक
मिथुन लग्न:- ०८:३७ तक
कर्क लग्न:- १०:५५ तक
सिंह लग्न:- ०१:०९ तक
कन्या लग्न:- ०३:२२ तक
तुला लग्न:- ०५:३८ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०७:५५ तक
धनु लग्न:- १०:०१ तक
मकर लग्न:- ११:४८ तक
कुंभ लग्न:- ०१:१९ तक
मीन लग्न:- ०२:४७ तक
मेष लग्न:- ०५:२४ तक
चौघड़िया दिन
चंचल:- ०५:३८ से ०७:२१
लाभ:- ०७:२१ से ०९:०४
अमृत:- ०९:०४ से १०:४७
शुभ:- १२:३० से १४:१३
चंचल:- १७:३९ से १९:१९
चौघड़िया रात
लाभ:- २१:५३ से २३:१०
शुभ:- ००:२७ से ०१:४४
अमृत:- ०१:४४ से ०३:०१
चंचल:- ०३:०१ से ०४:१८
आज के विशेष योग
वर्ष का ४६ वाँ दिन, भद्रा रात्रि ११:०८ से, शुक्र मिथुन राशि में प्रातः ०५:५४ से, वीर सावरकर जयंती, मूल नक्षत्र में पूर्व दोष और भौम वेध है।
वास्तु टिप्स
दलदल, कीचड़, गटर आदि मुख्य द्वार के सामने होने से घर में सुख-शांति का नाश हो जाता है।
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