25 मई 2021 मंगलवार “भौमवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
25 मई 2021 मंगलवार “भौमवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 25 मई 2021
वार:- मंगलवार (भौमवासरे)
तिथि:- चतुर्दशी रात्रि ०७:३५ तक तदोपरांत पूर्णिमा
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
माह:- वैशाख
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- स्वाति प्रातः ०५:३९ तक तदोपरांत विशाखा
योग:- वरीयान दिन ०६:०७ तक तदोपरांत परिघ
करण:- गर उपरांत वणिज
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- ०९°५०’५५”
चंद्रमा:- तुला रात्रि १०:२४ तक तदोपरांत १०:२५ से वृश्चिक
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- वृषभ
शनि:- मकर
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:१९ (काशी)
सूर्योदय:- ०५:३० (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:३९ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:४१ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०६ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:१७ (सालासर)
दिनमान:- ३३:२७ (काशी)
दिशा शूल:- उत्तर
निवारण उपाय:- गुड़ का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- १२:०० से १३:३०
राहु काल:- १५:०० से १६:३०
अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २३°५५’५१”
बुध:- २९°२७’०४”
गुरु:- ०८°१५’२१”
शुक्र:- २६°१८’२३”
शनि:- १५°२५’१६”
राहु:- १६°५७’२८”
केतु:- १६°५७’२८”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०६:३५ तक
मिथुन लग्न:- ०८:४९ तक
कर्क लग्न:- ११:०७ तक
सिंह लग्न:- ०१:२१ तक
कन्या लग्न:- ०३:३४ तक
तुला लग्न:- ०५:५० तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:०७ तक
धनु लग्न:- १०:१३ तक
मकर लग्न:- १२:०० तक
कुंभ लग्न:- ०१:३१ तक
मीन लग्न:- ०२:५९ तक
मेष लग्न:- ०५:३६ तक
चौघड़िया दिन
चंचल:- ०९:०३ से १०:४५
लाभ:- १०:४५ से १२:२७
अमृत:- १२:२७ से १४:०९
शुभ:- १५:५१ से १७:३३
चौघड़िया रात
लाभ:- २०:३४ से २१:५२
शुभ:- २३:१० से ००:२८
अमृत:- ००:२८ से ०१:४६
चंचल:- ०१:४६ से ०३:०४
आज के विशेष योग
वर्ष का ४३ वाँ दिन, वृश्चिक राशि के चंद्र रात्रि १०:२५ पर, भद्रा रात्रि ०७:२५ से, श्री नृसिंह चतुर्दशी व्रत, ओंकारेश्वर यात्रा तथा दर्शन, नृसिंह अवतार, सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश दिन ०१:१८ पर, मृत्युबाणारम्भ दिन ०१:१८ से, स्थायीजय योग प्रातः ५:३९ से रात्रि ०७:२४ तक, रवियोग प्रातः ५:३९ तक तदोपरांत दिन ०१:१८ से मध्य रात्रि ०४:०० बजे तक, प्रातः ५:३९ के बाद विशाखा नक्षत्र में रोगविमुक्त स्नान शुभ मुहर्त है, नौ तपा प्रारंभ, छिन्नमस्ता जयंती, श्री आध शंकराचार्य कैलाश गमन, गुरु अमरदास जयंती (प्रा. मत से), सत्यनारायण व्रत, श्री धेलाराम जयंती, जैन चौदस।
वास्तु टिप्स
मुख्य द्वार के सामने खंभा, स्तंभ या मीनार नही होनी चाहिए इससे घर की स्त्रियों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है तथा घर में कष्ट की संभावना रहती है।
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