21 मई 2021 शुक्रवार “भृगुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

21 मई 2021 शुक्रवार “भृगुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

 

आज का पंचांग

आज का पंचांग

 

दिनांक:- 21 मई 2021
वार:- शुक्रवार (भृगुवासरे)
तिथि:- नवमी प्रातः ०५:३९ तक तदोपरांत दशमी
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
माह:- वैशाख
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- पूर्वाफाल्गुनी दिन १०:३६ तक तदोपरांत उत्तराफाल्गुनी
योग:- हर्षण दिन ०५:०१ तक तदोपरांत वज्र
करण:- कौलव उपरांत तैतिल
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- ०५°५१’०६”
चंद्रमा:- सिंह दिन ०४:२३ तक तदोपरांत दिन ०४:२५ से कन्या
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- वृषभ
शनि:- मकर
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:-०५:२० (काशी)
सूर्योदय:- ०५:३१ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:४० (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:४० (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०४ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:१५ (सालासर)
दिनमान:- ३३:१९ (काशी)
दिशा शूल:- पश्चिम
निवारण उपाय:- जौं का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- ०७:३० से ०९:००
राहु काल:- १०:३० से १२:००
अभिजीत मुहर्त:- १२:०३ से १२:५१
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३

 

 

सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह

मंगल:- २१°०३’१९”
बुध:- २६°४१’५२”
गुरु:- ०७°५१’१५”
शुक्र:- २१°२४’१०”
शनि:- १५°२३’५५”
राहु:- १७°१०’११”
केतु:- १७°१०’११”

 

लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)

वृषभ लग्न:- ०६:५२ तक
मिथुन लग्न:- ०९:०६ तक
कर्क लग्न:- ११:२४ तक
सिंह लग्न:- ०१:३८ तक
कन्या लग्न:- ०३:५१ तक
तुला लग्न:- ०६:०७ तक

 

लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)

वृश्चिक लग्न:- ०८:२४ तक
धनु लग्न:- १०:३० तक
मकर लग्न:- १२:१७ तक
कुंभ लग्न:- ०१:४८ तक
मीन लग्न:- ०३:१६ तक
मेष लग्न:- ०५:५३ तक

 

चौघड़िया दिन

चंचल:- ०५:४० से ०७:२२
लाभ:- ०७:२२ से ०९:०४
अमृत:- ०९:०४ से १०:४६
शुभ:- १२:२८ से १४:१०
चंचल:- १७:३४ से १९:१५

 

चौघड़िया रात

लाभ:- २१:५१ से २३:०९
शुभ:- ००:२७ से ०१:४५
अमृत:- ०१:४५ से ०३:०३
चंचल:- ०३:०३ से ०४:२१

 

आज के विशेष योग

वर्ष का ३९ वाँ दिन, कन्या राशि के चंद्र दिन में ०४:२४ से, प्रातः ५:३९ के बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में विद्यारंभ शुभ मुहर्त प्रातः ०६:५२ तक, वस्तु विक्रय मुहर्त, श्री हरि जयंती, विवाह मुहर्त उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में, चंडिका नवमी।

 

वास्तु टिप्स

मुख्य द्वार के सामने गाय, बकरी, बैल, ऊँट आदि का खूँटा नही होना चाहिए।

 

 

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