20 फरवरी 2021 शनिवार (मंदवासरे) का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार जानिए वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
20 फरवरी 2021 शनिवार (मंदवासरे) का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार जानिए वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
दिनांक:- २० फरवरी २०२१
वार:- शनिवार (मंदवासरे)
तिथि:- अष्टमी दिन १०:५० तक/नवमी
माह:- माघ
ऋतु:- शिशिर
गोल:- दक्षिण
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
नक्षत्र:- रोहिणी रात्रि ६:१० तक/मृगशिरा
योग:- वैधृति रात्रि ०३:१३ तक/ विष्कुंभ
करण:- बव १३:३२ तक/वालव
चन्द्रमा गोचर:- वृषभ
दिनमान:- २८:१४
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०६:२१ (काशी)
सूर्यास्त:- ५:३९ (काशी)
सूर्य गोचर:- कुंभ
औदयिक स्पष्ट सूर्य:- ०७:१७:५३
मंगल गोचर:- मेष
बुध गोचर:- मकर (वक्री)
गुरु गोचर:- मकर
शुक्र गोचर:- मकर (अस्त)
शनि गोचर:- मकर
राहु गोचर:- वृषभ
केतु गोचर:- वृश्चिक
दिशा शूल:- पूर्व
निवारण उपाय:- उड़द का सेवन
राहु काल:- ०९:०० से १०:३०
गुलिक काल:- ०६:०० से ०७:३०
अभीजित:- १२:२३ से १३:११
विक्रम सम्वंत:- २०७७
शक सम्वंत:- १९४२
युगाब्द:- ५१२२
संवत्सर नाम:- प्रमादी
चौघङिया दिन
शुभ:- ८:३४ से ०९:५९
चंचल:- १२:४९ से १४:१४
लाभ:- १४:१४ से १५:३९
अमृत:- १५:३९ से १७:०४
चौघङिया रात
लाभ:- १८:२६ से २०:०१
शुभ:- २१:३६ से २३:११
अमृत:- २३:११ से ००:४६
चंचल:- ००:४६ से ०२:२१
लाभ:- ०५:३१ से ०७:०९
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्ट भौमादिग्रह
मंगल:- २९:५५:३४
बुध:- १८: २५:३९ (वक्री)
गुरु:- २१:४६:३३
शुक्र:- २९:२६:११
शनि:- १०:०७:५५
राहु:- २१:५६:२४
केतु:- २१:५६:२४
२० फरवरी २०२१ लग्न सारणी दिवा
कुंभ लग्न:- ०६:२१ से ०७:२९
मीन लग्न:- ०७:२९ से ०८:५७
मेष लग्न:- ०८:५७ से १०:३४
वृषभ लग्न:- १०:३४ से १२:३०
मिथुन लग्न:- १२:३० से ०२:४४
कर्क लग्न:- ०२:४४ से ०५:०२
२० फरवरी २०२१ लग्न सारणी रात्रि
सिंह लग्न:- ०५:०२ से ०७:१६
कन्या लग्न:- ०७:१६ से ०९:२९
तुला लग्न:- ०९:२९ से ११:४५
वृश्चिक लग्न:- ११:४५ से ०२:०१
धनु लग्न:- ०२:०१ से ०४:०८
मकर लग्न:- ०४:०८ से ०५:५५
२० फरवरी २०२१ के विविध मुहर्त
शनिवार को रोहिणी में राहुयुति तथा वैधृति है।
आज के विशेष योग
वर्ष का ३३३वाँ दिन, यायीजययोग दि. १०:५० से रा. शे. ०६:१० तक, सर्वार्थ तथा अमृतसिद्धि योग रा. शे. ०६:१० तक, रवियोग रा. ०८:०८ से, दुर्गाष्टमी, भीष्माष्टमी, वैधृति पुण्यं, रोहिणी व्रत (जैन), राष्ट्रीय फाल्गुन प्रारंभ दि. ३०, खोडियार माँ जयंती।
वास्तु टिप्स
देवी-देवताओं के चित्र आमने-सामने नही होने चाहिए।
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