19 मई 2021 बुधवार “सौम्यवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
19 मई 2021 बुधवार “सौम्यवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 19 मई 2021
वार:- बुधवार (सौम्यवासरे)
तिथि:- सप्तमी दिन ०७:२७ तक तदोपरांत अष्टमी
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
माह:- वैशाख
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- श्लेषा दिन ११:०७ तक तदोपरांत मघा
योग:- ध्रुव रात्रि ०८:५५ तक तदोपरांत व्याघात
करण:- वणिज उपरांत विष्टि
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- ०३°५६’०४”
चंद्रमा:- कर्क राशि दिन ११:०६ तक तदोपरांत दिन ११:०७ से सिंह
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- वृषभ
शनि:- मकर
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:२१ (काशी)
सूर्योदय:-०५:३२ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:४१ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:३९ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०३ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- १९:१४ (सालासर)
दिनमान:- ३३:१४ (काशी)
दिशा शूल:- उत्तर
निवारण उपाय:- तिल का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- १०:३० से १२:००
राहु काल:- १२:०० से १३:३०
अभिजीत मुहर्त:- नही है
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- २०°१९’४८”
बुध:- २४°३८’४४”
गुरु:- ०७°३९’१२”
शुक्र:- १८°५६’५०”
शनि:- १५°२३’१४”
राहु:- १७°१६’३३”
केतु:- १७°१६’३३”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०७:०१ तक
मिथुन लग्न:- ०९:१५ तक
कर्क लग्न:- ११:३३ तक
सिंह लग्न:- ०१:४७ तक
कन्या लग्न:- ०४:०० तक
तुला लग्न:- ०६:१६ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:३३ तक
धनु लग्न:- १०:३९ तक
मकर लग्न:- १२:२६ तक
कुंभ लग्न:- ०१:५७ तक
मीन लग्न:- ०३:२५ तक
मेष लग्न:- ०५:०२ तक
चौघड़िया दिन
लाभ:- ०५:४१ से ०७:२३ तक
अमृत:- ०७:२३ से ०९:०४ तक
शुभ:- १०:४५ से १२:२६ तक
चंचल:- १५:४८ से १७:२९ तक
लाभ:- १७:२९ से १९:१४ तक
चौघड़िया रात
शुभ:- २०:३२ से २१:५१ तक
अमृत:- २१:५१ से २३:१० तक
चंचल:- २३:१० से ००:२९ तक
लाभ:- ०३:०७ से ०४:२६ तक
आज के विशेष योग
वर्ष का ३७ वाँ दिन, भद्रा दिन ०७:२३ से रात्रि ०७:०८ तक, भद्रा वास पृथ्वी लोक, भद्रा फल अशुभ, सिंह राशि के चंद्रमा दिन में ११:०७ से, श्लेषा नक्षत्र में भद्रा पूर्व वस्तु विक्रय व फसल काटने का मुहर्त है, गंडमूल सम्पूर्ण दिन-रात्रि, बुध अष्टमी, निम्ब कमल शर्करा सप्तमी।
वास्तु टिप्स
घर के सभी द्वार सम संख्या में हो तो शुभ होते हैं परंतु दस व बीस की संख्या में नही होने चाहिए।
दैवज्ञ जी,
द्वार को खिड़कियों में गिना जा सकता है?
नही खिड़की व द्वार एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
जय श्री राम।