16 मई 2021 रविवार “भानुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
16 मई 2021 रविवार “भानुवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
दिनांक:- 16 मई 2021
वार:- रविवार (भानुवासरे)
तिथि:- चतुर्थी प्रातः ०६:२६ तक तदोपरांत पंचमी
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
माह:- वैशाख
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- आर्द्रा दिन ०८:१४ तक तदोपरांत पुनर्वसु
योग:- शूल रात्रि ११:५४ तक तदोपरांत गण्ड
करण:- विष्टि उपरांत बव
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- ०१°०३’१७”
चंद्रमा:- मिथुन मध्य रात्रि ०३:२० तक तदोपरांत मध्य रात्रि ०३:२१ से कर्क
मंगल:- मिथुन
बुध:- वृषभ
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- वृषभ
शनि:- मकर
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:२३ (काशी)
सूर्योदय:– ०५:३४ (दिल्ली)
सूर्योदय:- ०५:४३ (सालासर)
सूर्यास्त:- ०६:३७ (काशी)
सूर्यास्त:- ०७:०१ (दिल्ली)
सूर्यास्त:- ०७:१२ (सालासर)
दिनमान:- ३३:०७ (काशी)
दिशा शूल:- पश्चिम
निवारण उपाय:- घी का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- १५:०० से १६:३०
राहु काल:- १६:३० से १८:००
अभिजीत मुहर्त:- ११:५० से १२:४४
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३
सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह
मंगल:- १८°३४’०२”
बुध:- २१°२७’०८”
गुरु:- ०७°२१’०१”
शुक्र:- १५°१५’५०”
शनि:- १५°२२’२३”
राहु:- १७°२६’०५”
केतु:- १७°२६’०५”
लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)
वृषभ लग्न:- ०७:१३ तक
मिथुन लग्न:- ०९:२७ तक
कर्क लग्न:- ११:५४ तक
सिंह लग्न:- ०१:५९ तक
कन्या लग्न:- ०४:१२ तक
तुला लग्न:- ०६:२८ तक
लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)
वृश्चिक लग्न:- ०८:४५ तक
धनु लग्न:- १०:५१ तक
मकर लग्न:- १२:३८ तक
कुंभ लग्न:- ०२:०९ तक
मीन लग्न:- ०३:३७ तक
मेष लग्न:- ०५:१४ तक
चौघड़िया दिन
चंचल:- ०७:२५ से ०९:०६
लाभ:- ०९:०६ से १०:४७
अमृत:- १०:४७ से १२:२८
शुभ:- १४:०९ से १५:५०
चौघड़िया रात
शुभ:- १९:१२ से २०:३०
अमृत:- २०:३० से २१:४९
चंचल:- २१:४९ से २३:०८
लाभ:- ०१:४६ से ०३:०५
शुभ:- ०४:२४ से ०५:४३
आज के विशेष योग
वर्ष का ३४ वाँ दिन, भद्रा प्रातः ०६:२६ तक, कर्क राशि के चंद्रमा मध्य रात्रि ०३:२१ से, मृत्युबाण समाप्ति मध्य रात्रि अर्थात १७ मई भोर ०५:०१ पर, रवि योग दिन ०८:१४ तक, यायीजयोग दिन ०८:१४ से, पुनर्वसु में भौम भोग्य, आर्द्रा नक्षत्र में रोगविमुक्त स्नान मुहर्त, ग्रह युति संयोग चंद्रमा से २° दक्षिण में मंगल प्रातः १०:४५ पर।
वास्तु टिप्स
घर का प्रवेश द्वार अत्यंत सुशोभित होना चाहिए, इससे प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ता है।
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