01 जून 2021 मंगलवार “भौमवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

01 जून 2021 मंगलवार “भौमवासरे” का पंचांग “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए, लग्न सारणी, आज के विशेष योग व वास्तु शास्त्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ

 

आज का पंचांग

आज का पंचांग

 

दिनांक:- 01 जून 2021
वार:- मंगलवार (भौमवासरे)
तिथि:- षष्ठी प्रातः ०५:४० तक तदोपरांत सप्तमी
पक्ष:- कृष्ण पक्ष
माह:- ज्येष्ठ
गोल:- उत्तर
नक्षत्र:- धनिष्ठा रात्रि ०८:४७ तक तदोपरांत शतभिषा
योग:- ऐन्द्र दिन ०९:०० तक तदोपरांत वैधृति
करण:- विष्टि उपरांत बव
सूर्य:- वृषभ
सूर्य स्पष्ट:- १६°२२’१२”
चंद्रमा:- मकर दिन ०८:४७ तक तदोपरांत ०८:४८ से कुम्भ
मंगल:- मिथुन
बुध:- मिथुन (वक्री)
गुरु:- कुंभ
शुक्र:- मिथुन
शनि:- मकर (वक्री)
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
अयन:- उत्तरायण
सूर्योदय:- ०५:१६ (काशी)
सूर्यास्त:- ०६:४४ (काशी)
चंद्रोदय:- १२:२१ (काशी)
दिनमान:- ३३:४० (काशी)
दिशा शूल:- उत्तर
निवारण उपाय:- गुड़ का सेवन
ऋतु:- ग्रीष्म ऋतु
गुलिक काल:- १२:०० से ०१:४३०
राहु काल:- ०३:०० से १०४:३०
अभिजीत मुहर्त:- १२:०५ से १२:५३
विक्रम संवत:- २०७८
संवत्सर नाम:- आनंद
शक संवत:- १९४३
युगाब्ध:- ५१२३

 

सूर्योदयकालीन दैनिक स्पष्टभौमादिग्रह

मंगल:- २८°१०’४०”
बुध:- ००°२३’४२”
गुरु:- ०८°५०’५०”
शुक्र:- ०४°५२’११”
शनि:- १५°१९’४५”
राहु:- १६°३५’१३”
केतु:- १६°३५’१३”

 

लग्न सारणी समाप्ति समय (दिन)

वृषभ लग्न:- ०६:०७ तक
मिथुन लग्न:- ०८:२१ तक
कर्क लग्न:- १०:३९ तक
सिंह लग्न:- १२:५३ तक
कन्या लग्न:- ०३:०६ तक
तुला लग्न:- ०५:२२ तक

 

लग्न सारणी समाप्ति समय (रात्रि)

वृश्चिक लग्न:- ०७:३९ तक
धनु लग्न:- ०९:४५ तक
मकर लग्न:- ११:३२ तक
कुंभ लग्न:- ०१:०३ तक
मीन लग्न:- ०२:३१ तक
मेष लग्न:- ०४:०८ तक

 

आज के विशेष योग

वर्ष का ५० वाँ दिन, भद्रा प्रातः ०५:४० से सायं ०५:४० तक, कुम्भ राशि के चंद्रमा दिन ८:४८, पंचक प्रारम्भ दिन ८:४८, जून ६, द्विपुष्करयोग प्रातः ०५:४० से रात्रि ०८:४७ तक , रवियोग रात्रि ०८:४७ तक, ग्रह युति संयोग चन्द्रमा से ५° उत्तर में गुरु सायं ०५:४५ पर।

 

वास्तु टिप्स

पूजा करते समय व्यक्ति का मुँह उत्तर अथवा पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए अर्थात भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों का मुख पश्चिम या दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए इससे धन-धान्य, सुख-शांति एवं समृद्धि की वृद्धि होती है।

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