श्रावण मास 2021 जानिए कब से होगा श्रावण मास का आरंभ व पूजन और व्रत विधि
श्रावण मास 2021 जानिए कब से होगा श्रावण मास का आरंभ व पूजन और व्रत विधि
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार देवाधिदेव महादेव को अति प्रिय मास श्रावण मास 25 जुलाई 2021 को आरंभ होगा इस दिन प्रतिपदा तिथि प्रातः ०६:०९ तक तदोपरांत द्वितीया तिथि और श्रवण नक्षत्र रहेगा जो कि अत्यंत दुर्लभ संयोग है इस दिन आयुष्मान योग मध्य रात्रि ०३:१८ तक रहेगा धर्म शास्त्रों के अनुसार जो लोग चातुर्यमास व्रत करते हैं उन्हें श्रावण मास में साग नही खाना चाहिए, शिवमहापुराण के अनुसार श्रावण मास में स्वम् भगवान शिव व माता पार्वती धरती पर विचरण करने आते हैं तथा सृष्टि की देखभाल करते हैं जो भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से श्रावण मास में भगवान शिव जी की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है महाभारत ग्रंथ के अनुसार जो मनुष्य श्रावण मास में मासपर्यन्त एक समय भोजन करते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं उनके वंश व जाति की वृद्धि होती है, वामन पुराण के अनुसार श्रावण मास में दूध, घी व गेहूँ का दान करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं तथा श्रावण मास में मनुष्यों को एक बार भोजन करना तथा विष्णु जी और शिव जी का अभिषेक करना चाहिए, वर्ष 2021 में श्रावण मास 25 जुलाई 2021 से आरंभ होकर 22 अगस्त 2021 तक रहेगा साथ ही 22 अगस्त 2021 को रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा।
श्रावण मास में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है विद्वानों का मत है कि श्रावण के सोमवार का व्रत करने से प्रदोष के व्रत समान पुण्य की व भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्ति होती है इस वर्ष श्रावण मास में 4 सोमवार प्राप्त होंगे जिनका विवरण इस प्रकार है:-
26 जुलाई 2021 श्रावण मास प्रथम सोमवार व्रत।
2 अगस्त 2021 श्रावण मास द्वितीय सोमवार व्रत।
9 अगस्त 2021 श्रावण मास तृतीय सोमवार व्रत।
16 अगस्त 2021 श्रावण मास चतुर्थ सोमवार व्रत।
श्रावण मास पूजन व व्रत विधि:-
व्रती को सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि कर के उगते हुए सूर्य को जल देना चाहिए तदोपरांत व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव व विष्णु जी का पवित्र नदी के जल से अभिषेक कर पुष्प, चन्दन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेध आदि का भोग अर्पित कर विलवाष्टकं व मधुराष्टकं का पाठ करना चाहिए व संपूर्ण दिवस व्रत का पालन करते हुए सूर्यास्त के समय भगवान शिव व विष्णु जी का पंचोपचार पूजन व रुद्राभिषेक कर व्रत का पारण करना चाहिए तथा यथा सामर्थ्य दूध, घी व गेहूँ का दान करना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास के सोमवार का व्रत प्रदोष व्रत की भांति करने से भगवान शिव जी व विष्णु जी की असीम कृपा प्राप्त होती है व सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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