श्रावण मास विशेष: शिववास में करें संकल्प सिद्धि हेतु अभिषेक

श्रावण मास विशेष: शिववास में करें संकल्प सिद्धि हेतु अभिषेक

 

संकल्प सिद्धि हेतु शिववास में करें अभिषेक

संकल्प सिद्धि हेतु शिववास में करें अभिषेक

 

25 जुलाई 2021 को रविवार के दिन से श्रावण मास का आरंभ हो गया है यह मास शिव को अति प्रिय है इस मास में भगवान शिव की पूजा का विधान है इस मास में जल तत्व के प्रधान चंद्र भी वातावरण में नमी लाते हैं जिस कारण से श्रावण मास में भगवान शिव जी का हरियाली श्रृंगार किया जाता है, इस वर्ष श्रावण मास 29 दिवस का रहेगा जिसमें 15 दिन विशेष योग बनेंगे जिनमें द्विपुष्कर, त्रिपुष्कर, अमृतसिद्धि और रविपुष्य योग का दुर्लभ संयोग बनेगा, इन दुर्लभ संयोगो में शिव जी का अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

26 व 29 जुलाई 2021, 4, 6, 8, 14, 16, 20, 21 व 22 अगस्त 2021 को सर्वार्थ सिद्धि योग तो 30 जुलाई को अमृत सिद्धि योग और 8 अगस्त को प्रातः 5:30 से 9:18 तक रविपुष्य योग तथा 15 अगस्त को त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है जिनमें संकल्प लेकर उपासना करने से संकल्प सिद्ध हो जाता है।

 

इन तिथियों में है शिववास योग:-

 

१. 27 जुलाई को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि।

२. 28 जुलाई को कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि।

३. 31 जुलाई को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि।

४. 1 अगस्त को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि।

५. 3 अगस्त को कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि।

६. 4 अगस्त को कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि।

७. 7 व 8 अगस्त को अमावस्या तिथि।

८. 9 अगस्त की शाम को शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि।

९. 10 अगस्त को शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि।

१०. 12 व 13 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि।

११. 16 अगस्त को शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि।

१२. 19 अगस्त को शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि।

१३. 20 अगस्त को शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि।

 

विशिष्ट फल प्राप्ति हेतु करें शिववास में ध्यान:-

 

मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में श्रावण मास में किसी भी समय शिव जी की आराधना करने से विशिष्ट फल प्राप्त होता है, ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार दिन, तिथि, नक्षत्र और योग के संबंध से उत्पन्न होने वाले शिववास में शिव जी का ध्यान करने से सामान्य की अपेक्षा विशिष्ट फल प्राप्त होता है, मान्यता है कि शिववास में कैलाश पर्वत में शिव का वास होने पर सुख, गौरी संग रहने पर आराधना से संपत्ति, वृष पर आरुण रहने पर अभीष्ट सिद्धि, सभा में रहने पर संताप, भोजन में पीड़ा, क्रीड़ा में कष्ट और शमशान में शिव पूजन से कष्ट मिलता है।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470, 7007245896

Email:- pooshark@astrologysutras.com

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