वट सावित्री व्रत ९ जून २०२१ जानिए शुभ मुहर्त तथा व्रत व पूजन विधि

वट सावित्री व्रत ९ जून २०२१ जानिए शुभ मुहर्त तथा व्रत व पूजन विधि

 

वट सावित्री व्रत शुभ मुहर्त व पूजनऔर व्रत विधि

वट सावित्री व्रत शुभ मुहर्त व पूजनऔर व्रत विधि

 

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री व्रत होता है वट सावित्री व्रत त्रयोदशी से तीन दिनों का व्रत होता है, इस व्रत में अमावस्या सूर्यास्तकाल से पूर्व तीन मुहर्त व्यापिनी विद्धा ग्राह्म है, इस वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी दिन में १:११तक है तथा इसके बाद अमावस्या लग जाती है जो सूर्यास्तकाल से पूर्व तीन मुहर्त से भी अधिक मिल रही है अतः दिनांक ९ जून बुधवार को ही वट सावित्री व्रत होगा व व्रत का आरंभ ७ जून २०२१ सोमवार से होगा, वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा का विधान है इसके साथ ही महिलाएं सत्यवान, सावित्री और यमराज की पूजा भी करती हैं व्रती महिलाओं को इस दिन सत्यवान और सावित्री की कथा विशेष तौर पर पढ़ना और सुनना चाहिए।

 

वट सावित्री व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं

वट सावित्री व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं

 

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री:-

 

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री

वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री

 

सत्यवान-सावित्री की मूर्ति, धूप, मिट्टी का दीपक, घी, फूल, फल, २४ पूरियां, २४ बरगद फल (आटे या गुड़ के) बांस का पंखा, लाल धागा, कपड़ा, सिंदूर, जल से भरा हुआ पात्र और रोली इत्यादि।

वट सावित्री व्रत व पूजन विधि:-

 

वट सावित्री व्रत पूजन विधि

वट सावित्री व्रत पूजन विधि

 

सर्वप्रथम व्रती महिलाओं को सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर १६ श्रृंगार करना चाहिए तथा अपने इष्ट देव के समक्ष व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए तदोपरांत बरगद पेड़ का पूजन करना चाहिए पूजन में २४ बरगद के फल (आटे या गुड़ के) व २४ पूड़ियों को अपने आंचल में रखकर वट वृक्ष का पूजन करना चाहिए पूजा में १२ पूड़ियों व १२ बरगद फल (आटे या गुड़ के) को हाथ में लेकर वट वृक्ष पर अर्पित करना चाहिए।

 

तत्पश्चात एक लोटा शुद्ध जल चढ़ाएं व वृक्ष पर हल्दी, रोली और अक्षत से स्वास्तिक बनाकर पूजन करें साथ ही धूप-दीप दान करने के बाद कच्चे सूत को लपेटते हुए १२ बार बरगद वृक्ष की परिक्रमा करनी चाहिए एक परिक्रमा के बाद एक चने का दाना भी छोड़ते रहना चाहिए व वट वृक्ष की परिक्रमा पूरी होने के बाद सत्‍यवान और सावित्री की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए फिर १२ कच्चे धागे वाली माला वृक्ष पर चढ़ाकर दूसरी स्वम् पहन लेनी चाहिए तदोपरान्त ६ बार माला को वृक्ष से बदलें और अंत में एक माला वृक्ष को चढ़ाएं और एक अपने गले में पहन लें तत्पश्चात संध्याकाल व्रत खोलने से पूर्व ११ चने के दाने और वट वृक्ष की लाल रंग की कली को पानी से निगलकर अपना व्रत खोलना चाहिए।

 

वट सावित्री व्रत शुभ मुहर्त:-

 

वट सावित्री व्रत शुभ मुहर्त

वट सावित्री व्रत शुभ मुहर्त

 

इस वर्ष ९ जून २०२१ को वट सावित्री व्रत के दिन चतुर्दशी तिथि दिन के १:११ तक तदोपरांत अमावस्या तिथि रहेगी साथ ही इस दिन कृत्तिका नक्षत्र दिन के ०९:११ तक तदोपरांत रोहिणी नक्षत्र रहेगा साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग संपूर्ण दिन-रात्रि रहने से यह एक अद्भुद संयोग रहेगा अतः ९ जून २०२१ को संपूर्ण दिन-रात्रि पूजन का शुभ मुहर्त रहेगा इसके अतिरिक्त दिन में ५:१४ से ५:३६, १०:०८ से १२:२२ व सायं काल में ४:५५ से ७:२२ तक का मुहर्त अत्यंत शुभ रहेगा।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470, 7007245896

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