दैनिक पंचांग 21 सितंबर 2020 सोमवार (चंद्रवासरे) “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार “उपसव्य द्वार” किसे कहते हैं व इसका क्या फल होता है
दैनिक पंचांग 21 सितंबर 2020 सोमवार (चंद्रवासरे) “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार “उपसव्य द्वार” किसे कहते हैं व इसका क्या फल होता है
दिनांक:- 21-सितंबर-2020
वार:- सोमवार (चंद्रवासरे)
तिथि:- चतुर्थी 7:21 तक/पंचमी
माह:- अधिक आश्विन
पक्ष:- शुक्ल पक्ष
नक्षत्र:- विशाखा 02:52 (मध्य रात्रि तक)/अनुराधा
योग:- वैधृति 14:26 तक/विष्कुंभ
करण:- बव 13:01 तक/बालव
अयन:- दक्षिणायण
सूर्य:- कन्या
चन्द्रमा:- तुला 21:16तक/वृश्चिक
मंगल:- मेष
बुध:- कन्या
गुरु:- धनु
शुक्र:- कर्क
शनि:- धनु
राहु:- मिथुन
केतु:- धनु
सूर्योदय:- 5:59 (काशी)
सूर्यास्त:- 18:01 (काशी)
चंद्रोदय:- 21:03 (काशी)
दिशा शूल:- पूर्व
निवारण उपाय:- दूध कि मिठाई
ऋतु:- शरद् ऋतु
गुलिक काल:- 13:30 से 15:00 तक
राहु काल:- 07:30 से 09:00 तक
अभीजित:- 12:03 से 12:51 तक
विक्रम सम्वंत:- 2077
शक सम्वंत:- 1942
युगाब्द:- 5122
सम्वंत सर नाम:- प्रमादी
चोघङिया दिन
अमृत:- 06:23 से 07:54 तक
शुभ:- 09:25 से 10:56 तक
चंचल:- 13:58 से 15:29 तक
लाभ:- 15:29 से 17:00 तक
अमृत:- 17:00 से 18:31 तक
चोघङिया रात
चंचल:- 18:31 से 20:00 तक
लाभ:- 22:58 से 00:27 तक
शुभ:- 01:56 से 03:25 तक
अमृत:- 03:25 से 04:54 तक
चंचल:- 04:54 से 06:23 तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 181वाँ दिन, वैधृति पुण्यं, नारायण गुरु समाधि दिवस (केरल), सर्वार्थसिद्धि योग।
वास्तु टिप्स
बाहरी द्वार से भीतरी द्वार का बाई तरफ होना ‘उपसव्य द्वार’ कहलाता है, जो अशुभ होता है तथा बंधु-बांधवों में कमी का कारण होता है।
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