दैनिक पंचांग 1 अक्टूबर 2020 गुरुवार (वीरवासरे) “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए “लग्न सारणी, दैनिक ग्रह स्पष्ट व वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन के मुख्य द्वार से जुड़ी अन्य जानकारियाँ”
दैनिक पंचांग 1 अक्टूबर 2020 गुरुवार (वीरवासरे) “ऋषिकेश पंचांग (काशी) अनुसार” जानिए “लग्न सारणी, दैनिक ग्रह स्पष्ट व वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन के मुख्य द्वार से जुड़ी अन्य जानकारियाँ”
दिनांक:- 01-अक्टूबर-2020
वार:- गुरुवार (वीरवासरे)
तिथि:- पूर्णिमा 01:26 मध्य रात्रि तक/प्रतिपदा
पक्ष:- शुक्ल पक्ष 01:26 मध्य रात्रि तक/ कृष्ण पक्ष
माह:- अधिक आश्विन
नक्षत्र:- उत्तराभाद्रपदा समस्त दिन-रात्रि
योग:- वृद्धि 21:44 तक/ध्रुव
करण:- विष्टि 13:29 तक/बव
अयन:- दक्षिणायण
सूर्य:- कन्या
चन्द्रमा:- मीन
मंगल:- मीन (वक्री)
बुध:- तुला
गुरु:- धनु
शुक्र:- सिंह
शनि:- धनु
राहु:- वृषभ
केतु:- वृश्चिक
सूर्योदय:- 06:06 (काशी)
सूर्यास्त:- 17:54 (काशी)
चंद्रोदय:- 06:00 भोर (काशी)
दिशा शूल:- दक्षिण
निवारण उपाय:- दही का सेवन
ऋतु:- शरद् ऋतु
गुलिक काल:- 09:00 से 10:30 तक
राहु काल:- 13:30 से 15:00 तक
अभीजित:- 11:59 से 12:47 तक
विक्रम सम्वंत:- 2077
शक सम्वंत:- 1942
युगाब्द:- 5122
सम्वंत सर नाम:- प्रमादी
लग्न सारणी दिवा
कन्या लग्न:- 05:05 से 07:18 तक
तुला लग्न:- 07:18 से 09:34 तक
वृश्चिक लग्न:- 09:34 से 11:51 तक
धनु लग्न:- 11:51 से 13:57 तक
मकर लग्न:- 13:57 से 15:44 तक
कुंभ लग्न:- 15:44 से 17:15 तक
लग्न सारणी रात्रि
मीन लग्न:- 17:15 से 18:43 तक
मेष लग्न:- 18:43 से 20:20 तक
वृषभ लग्न:- 20:20 से 22:16 तक
मिथुन लग्न:- 22:16 से 00:30 तक
कर्क लग्न:- 00:30 से 02:48 तक
सिंह लग्न:- 02:48 से 05:02 तक
दैनिक ग्रह स्पष्ट:-
सूर्य:- 13°32″35′
मंगल:- 27°18″50′
बुध:- 09°11″28′
गुरु:- 26°06″02′
शुक्र:- 04°55″06′
शनि:- 28°15″59′
राहु:- 29°27″59′
केतु:- 29°27″59′
चोघङिया दिन
शुभ:- 06:27 से 07:56 तक
चंचल:- 10:54 से 12:23 तक
लाभ:- 12:23 से 13:52 तक
अमृत:- 13:52 से 15:21 तक
शुभ:- 16:50 से 18:19 तक
चोघङिया रात
अमृत:-18:19 से 19:51 तक
चंचल:-19:51 से 21:22 तक
लाभ:-00:24 से 01:55 तक
शुभ:-03:26 से 04:57 तक
अमृत:-04:57 से 06:27 तक
आज के विशेष योग
वर्ष का 191वाँ दिन, सत्यपूर्णिमा व्रत, अधिक मास पूर्णिमा, अक्टूबर मास 10 ता. 31 प्रारंभ, रक्तदान दिवस, गंडमूल प्रारंभ 29:57 से, महापात 11:30 से 16:15 तक, पंचक।
वास्तु टिप्स
घर का प्रवेश द्वार अन्य दरवाजों से ऊँचा और बड़ा है तो यह और भी अच्छी बात है।
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