राहु-केतु का कष्टकारी गोचर लाभ हेतु करें यह उपाय

राहु और केतु का वर्तमान गोचर अनेक प्रकार से कष्टदाई रहा है क्योंकि इस बार केतु का गोचर वृश्चिक अर्थात अग्नि तत्व ग्रह मंगल की राशि से था जिस कारण से राहु को सदैव ही नियंत्रण में रखने वाला केतु इस बार स्वम् नियंत्रण के बाहर था जिसको नियंत्रित राहु कर रहे हैं।

राहु के पास सर तो केतु के पास धर अर्थात शरीर है वैदिक ज्योतिष में राहु को अशुभ फल देने वाला ग्रह बताया गया है तो वहीं केतु को शुभ फल देने वाला ग्रह बताया गया है किंतु केतु, राहु के ठीक सामने अर्थात राहु से सप्तम में स्थित होने के कारण से वह भी अशुभ फल देने वाला ग्रह बन जाता है और इस बार राहु के पूर्ण अशुभ फल केतु भी प्रदान कर रहे हैं।

राहु-केतु का कष्टकारी गोचर

राहु-केतु का कष्टकारी गोचर

 

राहु व केतु के गोचर परिवर्तन के समय धनु लग्न व वृश्चिक राशि थी जहाँ चंद्रमा का अष्टमेश होकर अपनी नीच राशि में बैठना व पीड़ित होना समस्याओं को और बढ़ाने का सूचक था, ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है “चंद्रमा मनसो जात:” अर्थात चंद्रमा मन का कारक होता है जिस कारण से राहु व केतु के इस कष्टकारी गोचर के कारण से स्वास्थ्य जनित समस्याएं व मानसिक अशांति बनी रही किंतु यह स्थिति अब जल्द ही सामान्य होने लगेगी 9 अप्रैल 2022 की मध्य रात्रि 4 बजकर 21 मिनट को राहु व केतु का गोचर परिवर्तन होगा इसके बाद से स्थिति कुछ सामान्य होने लगेगी जिसका असर कोरोना पर भी देखने को मिलेगा।

 

राहु-केतु के कुछ अचूक उपाय:-

राहु-केतु के कुछ विशेष उपाय

राहु-केतु के कुछ विशेष उपाय

 

ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार राहु व केतु का यह गोचर अनेक प्रकार से विपत्तियों को उत्पन्न करने वाला था जिसमें प्राकृतिक आपदाओं व महामारी के प्रकोप का सभी जनमानस को सामना करना पड़ा साथ ही कारोबार में अड़चन व अन्य किसी भी माध्यम से मानसिक अशांति और अंदर कुछ घिराव के कारण से हानि व पराक्रम की हानि का सामना जनमानस को करना पड़ा अतः आज मैं आप सभी को कुछ ऐसे उपाय बता रहा हूँ जिनको करने से आप सभी को अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।

उपाय:-

१. 4 अमावस्या नियम से सूर्यास्त बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर नारियल को बहते पानी में प्रवाहित करें।

२. नित्य शिवलिंग पर जल मिश्रित दुग्धाभिषेक करें तदोपरांत चावल मिश्रित काला तिल “ॐ नमः शिवाय:” मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग पर अर्पित करें और विल्वपत्र अर्पित करते हुए विलवाष्टकम् का पाठ करें।

३. 4 शनिवार नियम से काली उर्द, शहद, किशमिश, आम का मीठा अचार व मेवा युक्त कोई नमकीन कुछ दक्षिणा के साथ किसी भिखारी/जमादार/नौकर को दान करें।

४. बुधवार के दिन कबूतर को दाना डालें।

५. बुधवार व अमावस्या तिथि के दिन सूर्यास्त बाद कुत्ते को कोई ताकत की चीज जैसे दूध/पनीर/खोआ आदि खिलाएं।

जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 7007245896, 9919367470
Email:- pooshark@astrologysutras.com

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