शनि के मकर राशि से गोचर के दौरान वर्ष 2022 में गोचर व पाद बोधक फल
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार श्री शुभ सम्वत् २०७६ माघ कृष्ण अमावस्या तिथि शुक्रवार दिनांक २४ जनवरी २०२० को शनि देव प्रातः ०९:५२ पर मार्गी गति से गोचर करते हुए मकर राशि में प्रवेश किए थे उस समय तात्कालिक चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र एवं मकर राशि में स्थित थे।
श्री शुभ सम्वत् २०७९ वैशाख कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुक्रवार दिनांक २९ अप्रैल २०२२ को प्रातः ०७:४३ पर शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे उस संत तात्कालिक चंद्रमा रेवती नक्षत्र व मीन राशि में स्थित रहेंगे।
श्री शुभ सम्वत् २०७९ ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी तिथि शनिवार दिनांक ४ जून २०२२ को शनि वक्री होकर श्री शुभ सम्वत् २०७९ कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि, रविवार दिनांक २३ अक्टूबर २०२२ को प्रातः ०९:३७ पर शनि पुनः मार्गी होंगे तथा इसी अवधि के दौरान वक्र गति से गोचर करते हुए शनि आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी तिथि दिनांक १२ जुलाई २०२२ को पुनः मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
विशेष तथ्य यह है कि वक्री शनि की अवधि में विपरीत फल समझना चाहिए अर्थात शुभ स्थान पर अशुभ फल और अशुभ स्थान पर शुभ फल तो चलिए जानते हैं ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार शनि का गोचर व पाद बोधक फल:-
१ जनवरी से २९ अप्रैल २०२२ तक मकर में शनि का पाद बोधक फल
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार मेष, कर्क व वृश्चिक राशि वालों को ताम्रपद से शनि का यह गोचर आर्थिक व व्यवसायिक क्षेत्र में प्रगति, पूर्व निर्धारित कार्यों में सफलता व भौतिक सुख साधनों में वृद्धिकारक रहेगा किंतु जीवन में कड़े संघर्ष व मानसिक तनाव बने रहेंगे।
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार वृषभ, कन्या व धनु राशि वालों के लिए रजतपाद से शनि का गोचर किसी नए कार्य का शुभारंभ, आजीविका के साधनों में वृद्धि, जन संपर्क में वृद्धि व पारिवारिक सुख-शांति प्रदान करने वाला होगा किंतु स्वास्थ्य की कुछ समस्याएं व चिंता भी बनी रह सकती है।
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार मिथुन, तुला व कुंभ राशि वालों के लिए लौहपाद से शनि का गोचर संघर्षपूर्ण जीवन को दर्शाता है अतः आजीविका के लिए श्रम-संघर्ष, पारिवारिक तनाव व अत्यधिक परिश्रम से सफलता प्राप्त होने के योग बनेंगे साथ ही किसी अस्थाई संपत्ति के क्रय करने के योग बनेंगे।
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार सिंह, मकर व मीन राशि वालों के लिए शनि का स्वर्णपाद से गोचर कुछ कष्टप्रद रहेगा अतः यश-प्रतिष्ठा में कमी व किसी प्रियजन या पारिवारिक जन का विछोह या उनसे दूरी के योग बनेंगे किंतु वर्ष के अंतिम भाग में कड़े संघर्ष व अत्यधिक प्रयास से बड़ी सफलता प्रदान करने वाले होंगे।
मकर राशिस्थ शनि का गोचरफल संक्षेप में
यह गोचरफल १ जनवरी २०२२ से २९ अप्रैल २०२२ तथा १२ जुलाई २०२२ से १४ फरवरी २०२३ तक का है तो चलिए जानते हैं मकरस्थ शनि का सूक्ष्म गोचरफल
मेष राशि:-
मेष राशि वाले व्यक्तियों के लिए दशमस्थ शनि शुभ रहेगा अतः श्रम व संघर्ष की स्थिति बनी रहने के बाद भी समय-समय पर धन की प्राप्ति होती रहेगी तथा आर्थिक सफलता होते हुए भी सम्पत्तिबक क्षय होने का भय बना रहेगा और आपका व्यक्तित्व आत्मनिर्भर रहेगा।
वृषभ राशि:-
वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए नवमस्थ शनि पूज्य है, छोटे भाई-बहनों के साथ व्यर्थ विवाद में न पड़ें अन्यथा चित्त अशांत रहेगा, मान-सम्मान में हानि होने के योग हैं, तीर्थाटन निष्प्रयोजन होने से असंतोष एवं धर्म के प्रति अनास्था रहेगी साथ ही कलह एवं व्याधियों से जीवन में सुख की कमी अनुभव हो सकती है।
मिथुन राशि:-
मिथुन राशि वालों के लिए अष्टमस्थ शनि अशुभ है अतः जीवन में कष्ट, वाद-विवाद व कलह की स्थिति बनी रहेगी तथा राजकीय पक्ष से विरोध का सामना करना पड़ सकता है, स्त्री को कष्ट, स्वास्थ में उतार-चढ़ाव के योग बनेंगे साथ ही जिन व्यक्तियों की कुंडली में अशुभ ग्रह की दशा व अंतर्दशा चल रही होगी उन्हें अपने जीवनसाथी से वियोग भी सहन करना पड़ सकता है, महिलाओं को उदर में विशेष समस्या रह सकती है।
कर्क राशि:-
कर्क राशि वाले व्यक्तियों के लिए सप्तमस्थ शनि पूज्य है अतः आर्थिक समस्याओं में कुछ कमी, रुके हुए धन की प्राप्ति या आय में वृद्धि के योग बनेंगे किंतु किसी प्रकार के दुःख व कलह के कारण से मन में अशांति अनुभव होगी।
सिंह राशि:-
सिंह राशि वाले व्यक्तियों के षष्ठस्थ शनि शुभ है अतः यश कीर्ति तथा कार्य में कड़े परिश्रम से लाभ एवं सफलता के योग बनेंगे, पुराने रोग से छुटकारा मिलेगा तथा स्वास्थ्य उत्तम रहेगा किंतु वाहनादि से चोटादि का भय रहेगा, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी किंतु सरकारी कर्मचारियों से व्यर्थ विवाद में न पड़ें।
कन्या राशि:-
कन्या राशि वाले व्यक्तियों के लिए पंचमस्थ शनि पूज्य है, अत्यधिक परिश्रम एवं संघर्ष से ही सफलता मिलना संभव है, कुसंगति से बुद्धि विवेक नष्ट होगा, जीवनसाथी के साथ संबंधों में तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती है, आर्थिक पक्ष कमजोर अनुभव होगा, जिन व्यक्तियों की कुंडली में अशुभ ग्रह की दशा चल रही होगी उनके लिए शनि का यह मकर से गोचर अत्यंत कष्टकारी रहेगा।
तुला राशि:-
तुला राशि वालों के चतुर्थस्थ शनि अशुभ है अतः दुःख एवं कलह के कारण मन अशांत रहेगा, सामाजिक एवं राजकीय पक्ष से असहयोग एवं विरोध प्राप्त होगा, आर्थिक पक्ष कमजोर रहेगा, नौकरी पेशा लोगों के लिए स्थान परिवर्तन संभव है।
वृश्चिक राशि:-
वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए तृतीयस्थ शनि शुभ है किंतु श्रम एवं संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी, कभी-कभी चिंता और व्यय की अधिकता और असफलता से कष्ट मिलेगा, ससुराल पक्ष से तनाव, पत्नी से वाद-विवाद और कलह तथा पिता से असंतोष प्राप्त होगा।
धनु राशि:-
धनु राशि वाले व्यक्तियों के लिए द्वितीयस्थ शनि पूज्य है, शनि की साढ़ेसाती का अंतिम दौर कुछ झंझटों के साथ सफलता व धन वृद्धि का सूचक है, स्थान परिवर्तन संभव रहेगा, जीवन में किसी खुशी का आगमन होगा, मन में कुछ चिंता बनी रहेगी किंतु चिंता का समाधान खोजने में सफल होंगे, धैर्य व संयम के साथ निर्णय लें।
मकर राशि:-
मकर राशि वालों के लिए लग्नस्थ शनि शुभ है, साढ़ेसाती का द्वितीय चरण है अतः सुख-दुःख समान रूप से प्राप्त होते रहेंगे, मानसिक शक्ति कुछ कमजोर रह सकती है, जीवनसाथी व परिवार के किसी भी व्यक्ति से विवाद संभव रहेगा, आलस्य का त्याग करें, अत्यधिक मेहनत करने पर बड़ी सफलता प्राप्त होगी।
कुंभ राशि:-
कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए द्वादशस्थ शनि अशुभ है अतः विघ्न व कष्ट बने रहेंगे, संतान पक्ष को व्याधियों से कष्ट होगा, जिन व्यक्तियों की कुंडली में अशुभ ग्रह की दशा और अंतर्दशा चल रही है उनके लिए संतान के प्रति विशेष चिंता वाला समय रहने की संभावना है।
मीन राशि:-
मीन राशि वाले व्यक्तियों के लिए लाभस्थ शनि शुभ है फलस्वरूप लंबे समय से बीमार चल रहे व्यक्तियों के स्वास्थ्य में कुछ सुधार होना शुरू होगा, नए पद की प्राप्ति या अधिकार में वृद्धि संभव है, पत्नी पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा, धन की प्राप्ति संभव है, स्त्री व संतान सुख प्राप्त होगा।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
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