नामकरण संस्कार: जानिए, बच्चों के नाम कब और किस प्रकार से रखना शुभ होता है

नामकरण संस्कार: जानिए, बच्चों के नाम कब और किस प्रकार से रखना शुभ होता है

 

नामकरण संस्कार विधि

नामकरण संस्कार विधि

 

जातानन्तरमेव नामकरणं त्वेकादशाहे स्फुटं,

पुत्रस्यैव समाक्षरं तु युवते: कार्य ततो व्यत्ययम्।

शुद्धिर्जातकवच्च नाम्नि सकलैस्तद् द्वादशेषोडशे,

द्बाविंशेऽप्यथ विंशके हि विहितं जातिव्यस्थां बिना।।

 

अर्थात:-

 

जातकर्म संस्कार के पश्चात ग्याहरवें दिन बच्चे का नामकरण करना चाहिए, पुत्र का नाम सम संख्या अक्षरों वाला तथा पुत्री का नाम विषम संख्याक्षरों से रखना चाहिए।

 

मुहर्त व दिनादि का निश्चय जातकर्म के समान ही करना चाहिए अथवा बाहरवें, सोहलवें, बीसवें तथा बाइसवें दिन भी सूतक समाप्ति के बाद नामकरण कर सकते हैं, इसमें वर्ग भेद से काल भेद नही होता है अर्थात चारों वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र) के लोगों पर यह नियम समान रूप से लागू है।

 

नामकरण सदैव सूतक समाप्त होने पर ही होता है, दस दिन बीत जाने पर सूतक समाप्त हो जाता है बहुत से आचार्यों ने दसवें, अठाहरवें या मसोपरांत भी कहे हैं अतः देश, काल व परंपरा अनुसार नामकरण का निश्चय करते हुए शुभ वार, तिथि, नक्षत्रादि का विचार कर रिक्ता तिथि अर्थात चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तथा अमावस्या को छोड़कर शेष सभी तिथियाँ किंतु तिथि क्षय न हो रही हो आदि का ध्यान रखना चाहिए यदि पूर्णा तिथि हो तो विशेष ठीक रहती है, उस दिन शुभ वार में, लग्न शुद्धि का विचार कर के दोपहर से पूर्व जातक का नामकरण करना चाहिए किंतु यदि उस दिन व्यतिपात योग, सक्रांति, रिक्ता तिथि, जया तिथि, भद्रा, ग्रहण, वैधृति योग, श्राद्ध दिन पड़ता हो तो नामकरण संस्कार की तिथि आगे बढ़ा देनी चाहिए यदि इन कारणों से उपरोक्त मुहर्त निकल जाए तो सूर्य के उत्तरायण समय व गुरु और शुक्र के अस्त समय को छोड़कर कभी भी शुभ दिन में नामकरण कर सकते हैं

देशकालोपघाताद्यै: कालातिक्रमणं यदि।

अनस्तगे भृगावीज्ये तत्कालं चोत्तरायणे।।

 

मुहर्त चिंतामणि में नामकरण संस्कार विधि के लिए कहा गया है कि

 

तज्ज़ातकर्मादि शिशोर्विधेयं पर्वाख्यरिक्तोनतिथौशुभेऽह्वि।

एकादशे द्वादशकेऽ पिघस्त्रे मृदुध्रुवक्षिप्रचरोडुषु स्यात्।।

 

अर्थात:- पर्व के दिन और रिक्ता तिथि को छोड़कर अन्य तिथियों में, शुभ दिन में, जन्मकाल से ११ वें व १२ वें दिन में, मृदुसंज्ञक, ध्रुवसंज्ञक, क्षिप्रसंज्ञक नक्षत्रों में, बच्चे का नामकरण करना शुभ रहता है।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

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