मिथुन लग्न और आप: जानिए, मिथुन लग्न वालों का व्यक्तित्व
मिथुन लग्न और आप: जानिए, मिथुन लग्न वालों का व्यक्तित्व
मिथुन लग्न के व्यक्तियों के हाथ-पैर लंबे व दुबले और नेत्र सुंदर होते हैं जिनके चेहरे से तीक्ष्णता और प्रसन्नता व्यक्त होती रहती है, ऐसे व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि वाले, उत्तम वक्ता, अत्यंत मेहनती, वार्तालाप में कुशल, प्रत्येक बात की छान-बीन करने वाले, सुगमता से समझने वाले, बातों का मर्म व तत्व समझने वाले, कला व कौशल प्रेमी, बहस करने में निपुण व अपने तर्क रखने में कुशल, किसी कार्य में ज्यादा समय तक स्थिर न रहने वाले, कठिन से कठिन विषयों की व्याख्या सुगमता पूर्वक और स्पष्ट रूप से करने वाले, योग्यतापूर्ण लेख लिखने वाले, वाद-विवाद में निपुण, बुद्धिमान, चतुर कार्य कुशल, क्रोधी, कला तथा विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले, असंयमी तथा अधीर होने के कारण अस्वस्थ रहने वाले, कमजोर मनोबल वाले, संबंधियों से सहायता प्राप्त करने वाले व कई भाषाओं के जानकार होते हैं, बात-चीत में मुहावरे व कहावत आदि का प्रयोग करने वाले, कविताएं एवं शायरी करने वाले, गम्भीरता पूर्वक विचार करने वाले, तर्क में चतुर, दूसरों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले और नृत्य व संगीत में आनंद लेने वाले होते हैं।
मिथुन लग्न वाले व्यक्ति धनी, दूसरों पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले, परिवर्तन पसंद करने वाले, अच्छे व्यापारी, अच्छे ज्योतिषी, अपनी किस्मत स्वम् लिखने वाले, मित्र व संबंधियों की सहायता से भाग्योदय प्राप्त करने वाले, आत्मविश्वास की कमी के कारण चिंताग्रस्त रहने वाले, रोगपीडित, धन लोभी, लड़ाकू, स्त्री सुख भोगी, गुरुजनों के आज्ञापालक, ब्राह्मणों के सेवक, चुगलखोर, परदेश अथवा विदेश से धनार्जन करने वाले, कुटिल स्त्रियों के कारण या मित्रों पर धन व्यय करने वाले, सज्जनता व दुर्जनता दोनो का समन्वय रखने वाले, दांव-पेंच में निपुण, विरोधियों को षड्यंत्र से शांत रखने वाले, सामने से वार न करने वाले, सौंदर्य उपासक, विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण रखने वाले, हमेशा कार्य को 2 प्रकार से करने का प्रयास करने वाले होते हैं तथ इनके मन में विचारों की अस्थिरता रहती है, यदि मिथुन लग्न की कन्या हो तो उपरोक्त फल के अतिरिक्त कठोर बात करने वाली, स्वभाव की कड़ी, अतिव्ययी अर्थात खर्चीले स्वभाव वाली और वायु तथा कफ प्रकृति से पीड़ित रहने वाली होती है, मिथुन लग्न वाले व्यक्तियों को प्रायः फेफड़े व स्नायु रोग की संभावना रावल रहती है अतः इनको उत्तेजना देने वाली क्रियाओं से बचना चाहिए साथ ही समयानुसार स्वम् को बदलना, बातों से पलट जाना इनका विशेष गुड़ होता है।
मिथुन लग्न वालों के लिए शुक्र सबसे शुभ ग्रह होता है, चन्द्रमाA, सूर्य व मंगल इनके लिए अशुभ ग्रह रहता है, शुक्र व बुध का संबंध यदि कुंडली में हो तो उत्तम भाग्योदय होता है, शनि व गुरु का संबंध होना अनिष्टकारी रहता है, यदि केतु के दूसरे, सप्तम अथवा द्वादश भाव में चंद्रमा के साथ हो तो केतु की दशा में चंद्र की अंतर्दशा मृत्यु अथवा मृत्यु तुल्य कष्ट अवश्य ही देती है ठीक इसी प्रकार यदि राहु द्वितीय भाव में गुरु के साथ हो तो राहु की दशा में गुरु की अंतर्दशा अनिष्ट करती है किंतु यदि सूर्य और बुध तृतीय भाव में हों तो बुध की दशा में सूर्य की अंतर्दशा शुभ फलदाई होती है, यदि चन्द्रमा द्वितीय स्थान में हो तो शुक्र की दशा में भाग्योन्नति होती है, राहु की दशा में रोग और बन्धनादि का भय रहता है किंतु मृत्यु नही होती है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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