कन्या राशि: जानिए, कन्या राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
कन्या राशि: जानिए, कन्या राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
कन्या राशि वाले व्यक्ति सत्य में रत (सत्य का पालन करने वाले), प्रिय वचन बोलने वाले होते हैं साथ ही कन्या राशि वाले व्यक्तियों के नेत्रों में लज्जा रहती है, कन्या राशि वाले व्यक्ति शास्त्रों को जानने वाले, विद्वान, दूसरे के द्रव्यों व दूसरे के मकान का सुख भोगने वाले होते हैं तथा इनके कंधे कुछ ढीले होते हैं तथा इन्हें पुत्र संतति भी थोड़ी होती है, कन्या राशि वाले व्यक्ति कुटुंब और मित्रों को आनंद देने वाले, धनी, अनेक कलाओं में कुशल, गुरु भक्त, देव-ब्राह्मण भक्त, धर्म-कर्म का पालन करने वाले, शास्त्रज्ञ, बुद्धिमान, प्रियभाषी, अनेक शत्रुओं से युक्त, मेधावी, उन्नत शरीर तथा कुछ गौर वर्ण वाले होते हैं, कन्या राशि वाले व्यक्तियों के गले, बाहु, पीठ अथवा लिङ्ग स्थान में तिल आदि के चिन्ह होते हैं तथा व्यक्ति कफ प्रकृति वाला तथा उदर रोगी होता है साथ ही कन्या राशि वाले व्यक्ति अत्यधिक कामी होने के कारण विपरीत लिंगी के साथ अत्यधिक प्रसन्न रहते हैं, कन्या राशि वालों के मित्र अधिक होते हैं किंतु इन्हे मित्रों का पूर्ण सुख नही मिल पाता तथा ऐसे व्यक्तियों को औषधि एवं भोजन के पदार्थों के व्यवसाय से अधिक लाभ होता है इसके अतिरिक्त शिक्षक एवं प्रोफेसर आदि में भी इनकी अच्छी उन्नति होती है, कन्या राशि वाले व्यक्ति पराई संपत्ति को भोगने वाले और अपने अधीन व्यक्तियों द्वारा भाग्यशाली सिद्ध होते हैं।
कन्या राशि वालों के लिए २, ३, ५, ९, १२, १३, १५, २१, २२, ३० व ४२ वां वर्ष अनिष्टकारी होता है तृतीय वर्ष में अग्नि भय, पांचवें वर्ष में नेत्र पीड़ा, ९ वें या १३ वें वर्ष में किसी पदार्थ एवं दरवाजा आदि गिरने से चोट का भय, १५ वें वर्ष में सर्प भय, २१ वें वर्ष में वृक्ष अथवा दीवार से चोट का भय और ३० वें वर्ष में बाण, शस्त्र अथवा किसी कीट से चोट आदि का भय रहता है, यदि चंद्रमा पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो या चंद्रमा अच्छी स्थिति में हो या कुंडली के तृतीय व अष्टम भाव में शनि या शुक्र शुभ स्थिति में हो तो ऊपर लिखी हुई घटनाओं से व्यक्ति जीवित रह जाता है तथा ७९-८० वर्ष की औसत आयु को प्राप्त करता है, कन्या राशि वालों के लिए चतुर्थी, नवमी, द्वादशी एवं त्रयोदशी तिथि तथा कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अशुभ होती है, बुधवार शुभ तथा मंगलवार अशुभ होता है, चैत्र मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी, नवमी, द्वादशी, त्रयोदशी व कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि अनिष्टकारी होती है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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