राहु व केतु गोचर परिवर्तन 23 सितंबर 2020 भाग:-१ जानिए किन राशियों पर राहु की कृपा बरसेगी
राहु व केतु गोचर परिवर्तन 23 सितंबर 2020 भाग:-१ जानिए किन राशियों पर राहु की कृपा बरसेगी
वर्ष 2020 अब तक परिवर्तन वाला वर्ष रहा है जिसमें एक और बड़ा परिवर्तन 23 सितंबर 2020 को होगा “शनिवत राहु” अर्थात शनि के अनुसार फल देने वाले राहु और “भौमवत केतु” अर्थात मंगल के अनुसार फल देने वाले केतु 23 सितंबर 2020 के प्रातः 5 बजकर 28 मिनट पर राहु मिथुन से वृषभ व केतु धनु से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तथा 12 अप्रैल 2020 तक राहु व केतु क्रमशः वृषभ व वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे ज्योतिष शास्त्र में राहु को मिथुन व केतु को धनु राशि में उच्च का माना गया है वहीं मतांतर में ऋषियों ने राहु को वृषभ तो केतु को वृश्चिक राशि में उच्च का बताया है इस बार का राहु व केतु यह गोचर परिवर्तन कई बड़े बदलाव लाने वाला होगा तो चलिए जानते हैं राहु व केतु के गोचर परिवर्तन से किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:-
वैदिक ज्योतिष में राहु का महत्व:-
ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है जिसका कोई आकार न होने के कारण से छाया ग्रह कहा जाता है अकसर मैंने लोगों को देखा है कि राहु को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं और 90 प्रतिशत लोगों के मन में राहु को लेकर भय बना रहता है अतः मैं यहाँ स्पष्ट कर दूँ कि कोई भी ग्रह कभी शुभ या अशुभ नही होता अपितु उनका फल कुंडली में भाव अनुसार शुभ व अशुभ होता है, यदि राहु आपकी कुंडली के शुभ भावों में मित्र, उच्च राशि, उच्चाभिलाषी हों तो अनेक प्रकार के शुभ फल प्रदान करते हैं तथा व्यक्ति को धनवान व राजयोग समान सुख देता है।
वैदिक ज्योतिष में केतु का महत्व:-
वैदिक ज्योतिष में राहु के समान केतु को भी छाया ग्रह की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि केतु का कोई वास्तविक रूप या आकार नही है तथा केतु मोक्ष, आध्यात्म और वैराग्य का कारक हैअतः यदि केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो वह व्यक्ति की कल्पना शक्ति को बहुत अधिक करता है अर्थात ऐसे व्यक्तियों में असीम कल्पना दृष्टि होती है और यदि यही केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को अकसर तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
देश पर इस गोचर परिवर्तन से पड़ने वाला प्रभाव:-
अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2020 का मूलांक 4 आता है जिनके स्वामी राहु होते हैं अर्थात वर्ष 2020 पूर्णतया राहु के प्रभाव में था तथा राहु का वायु तत्व राशि से गोचर व केतु, गुरु और शनि की युति ने सिर्फ देश को ही नही अपितु पूरे विश्व को प्रभावित किया और कोरोना जैसे वैश्विक महामारी को जन्म दिया साथ ही सीमा पर विवाद व युद्ध की स्थितियाँ उत्पन्न किया किंतु 23 सितंबर 2020 को होने वाला गोचर परिवर्तन बहुत शुभ सिद्ध होगा क्योंकि इस बार राहु का गोचर वृषभ जो कि सौम्य ग्रह शुक्र की राशि है तथा केतु का गोचर वृश्चिक राशि जो कि मंगल की राशि है से होगा महर्षि पाराशर के अनुसार राहु वृषभ में तथा केतु वृश्चिक में उच्च के होते हैं जिसके प्रभाव से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लाभ मिलेगा तथा दिसंबर/जनवरी तक भारत में कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी साथ ही केतु जो कि अग्नि तत्व ग्रह है उसका गोचर वृश्चिक राशि जो कि अग्नि तत्व ग्रह मंगल की राशि है से होगा अतः भारत पर राहु का यह गोचर शुभ सिद्ध होगा किंतु केतु के मंगल की राशि से गोचर के दौरान भूकंप, दुर्घटना, भीषण गर्मी, अग्नि से नुकसान, चक्रवात, लड़ाई-झगड़े, दंगे होंगे क्योंकि मंगल सेनापति व उग्र है और केतु, मंगल के फल के अनुसार ही अपना फल देते हैं।
विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव:-
राहु व केतु का यह गोचर इस बार विशेष रहेगा क्योंकि राहु को नियंत्रित करने का कार्य केतु करते हैं किंतु इस बार केतु को नियंत्रित करने का कार्य राहु करेंगे जिससे विभिन्न राशियाँ प्रभावित होंगी तो चलिए जानते हैं किन राशि पर राहु-केतु के इस गोचर परिवर्तन से क्या प्रभाव पड़ेगा:-
मेष राशि:-
मेष राशि वालों के लिए राहु व केतु का यह गोचर शुभ सिद्ध होगा अतः जिनका कार्य राजनीति या वाणी से जुड़ा हुआ है उनके लिए यह गोचर बेहद शुभ सिद्ध होगा तथा आपके कार्य आपकी चतुराई भरी वाणी से संपन्न होंगे, तामसिक चीजों व नशे की सामग्रियों से परहेज करें, चोट, एक्सीडेंट, अग्नि से चोट की संभावनाएं रहेगी, अकास्मिक दुर्घटना के योग बनेंगे, हिंसक पशुओं से सावधान रहें, रोग व ऋण से मुक्ति मिलेगी, आध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा, अचानक धन लाभ के योग बनेंगे, प्रॉपर्टी से लाभ प्राप्त होगा, नौकरी पेशा लोगों को प्रयत्न करने पर मनचाहा प्रमोशन व नौकरी परिवर्तन के योग बनेंगे, पिता से वैचारिक मतभेद संभव है, सीनियर से बनाकर चलें व सीनियर से व्यर्थ विवाद न करें, व्यर्थ किसी की समस्याओं को दूर करने के लिए बीच में न पड़ें, व्यय पर नियंत्रण रखें, अपने बुद्धि व विवेक से प्रत्येक कार्य करें, फँसा हुआ धन प्राप्त हो सकता है, कुटुंब से मतभेद संभव है, पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद संभव है, यदि कोई भूमि या मकान खरीदना हो तो जीवनसाथी, माता या संतान के नाम से लेना शुभ रहेगा, माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें, व्यर्थ विवाद में न पड़ें, मेष राशि वालों के लिए यह गोचर 80% शुभ व 20% अशुभ रहेगा।
उपाय:- गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें।
वृषभ राशि:-
वृषभ राशि वालों के लिए राहु व केतु का यह गोचर मिला-जुला रहेगा अतः परेशानियाँ आ सकती है, दामपत्य जीवन में विवाद संभव है, राजनीति से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर शुभ सिद्ध होगा, जिनका पार्टनरशिप से जुड़ा हुआ व्यवसाय है उनको कुछ परेशानी संभव है, कोई भी निर्णय बहुत सोच-समझकर लें, विद्यार्थियों के लिए यह गोचर मिला-जुला रहेगा व एकाग्रता में कमी के कारण से उनकी शिक्षा में अवरोध उत्पन्न होंगे, गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें, मित्रता, पार्टनरशिप टूटने के योग बनेंगे, शेयर मार्केट से लाभ होगा, जिनका तलाक को लेकर कोई मुद्दा कोर्ट में चल रहा है तो तलाक होने की प्रवल संभावना रहेगी, यदि आप अकेले कोई व्यापार करते हैं तो आपको यह गोचर लाभ देगा, भाग्य की वृद्धि होगी किंतु राहु के स्वभाव के कारण स्थितियाँ तनावपूर्ण बनेंगी व भाग्य वृद्धि हेतु किए गए प्रयास में अवरोध उत्पन्न होंगे, धैर्य व संयम से कार्य करें, गलत तरीकों से या बहुत जल्दी धन कमाने का प्रयास न करें अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है, रिश्तों में परेशानियाँ, बच्चों/भाई-बहन/जीवनसाथी/मित्रों से मतभेद संभव रहेगा, यह गोचर आपके लिए 65% शुभ तथा 35% अशुभ रहेगा।
उपाय:- सूर्य को नित्य जल देकर अदित्यहिर्दय स्तोत्र का पाठ करें, पिता का सम्मान करें व गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
मिथुन राशि:-
मिथुन राशि वालों के लिए राहु-केतु का यह गोचर मिला-जुला रहेगा अतः सावधान रहें, जिनका कार्य गलत हो या रिश्वत लेते हैं या कानून के विरुद्ध कोई कार्य है उनके लिए कारावास के योग बनेंगे, किसी को ऋण देने से बचें अन्यथा पैसा वापस मिलने में बहुत परेशानियाँ होंगी, व्यर्थ विवाद में न पड़ें, शत्रुओं से विशेष सावधान रहें, कोई भी कार्य बहुत सोच-समझकर ही करें, घर में तनावपूर्ण स्थितियाँ बनी रहेंगी, घर में कलह-क्लेश की स्थिति बनी रहेगी, शैया सुख में कमी रहेगी, आपके कार्यक्षेत्र में आपके शत्रु परेशानियाँ उत्पन्न कर सकते हैं, कार्यस्थल पर विशेष सावधान रहें, व्यय में वृद्धि होगी, नौकरी पेशा लोगों के नौकरी में उतार-चढ़ाव या नौकरी खोने के योग बनेंगे, मानसिक अशांति अनुभव होगी, अकस्माक धन लाभ के योग बनेंगे, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी, ऋण से मुक्ति मिलेगी, योग करने से विशेष लाभ होगा, आत्मविश्वास बनाए रखिए, यह गोचर आपके लिए 45% शुभ तथा 55% अशुभ रहेगा।
उपाय:- संकटमोचन हनुमाष्टक, गणेश सहस्त्रनाम व दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
पोस्ट की लंबाई को ध्यान में रखते हुए राहु-केतु के विभिन्न राशियों में प्रभाव को 3 भाग में लिखूँगा अतः शेष अगले भाग में।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470
जय श्री राम
अतिउतम जानकारी
Good information. Namaskar ji