संतान प्राप्ति में बाधा के योग: जानें बीज स्फुट व क्षेत्र स्फुट क्या होता है व इसे कैसे निकालते हैं

संतान प्राप्ति में बाधा के योग: जानें बीज स्फुट व क्षेत्र स्फुट क्या होता है व इसे कैसे निकालते हैं

 

संतान बाधा के योग

संतान बाधा के योग

 

संतान प्राप्ति के लिए बीज स्फुट व क्षेत्र स्फुट की बहुत अधिक महत्ता होती है क्योंकि यह दोनों ही प्रजनन क्षमता को मापने का ज्योतिष में सबसे सरल व सबसे सटीक तरीका होता है बीज स्फुट से पुरुष के वीर्य की स्थिति व क्षेत्र स्फुट से महिला की प्रजनन क्षमता को मापा जाता है तो चलिए जानते हैं इन्हें कैसे निकाला जाता है।

 

 

बीज स्फुट निकालने का तरीका:-

 

बीज स्फुट पुरुष की कुंडली में निकाला जाता है इनमें 3 ग्रहों की गढ़ना की जाती है और वह है गुरु, शुक्र व सूर्य क्योंकि ज्योतिष में गुरु को संतान का कारक, शुक्र को वीर्य का कारक और सूर्य को पितृ का कारक माना गया है और सूर्य पितृ की महत्ता को भी दर्शाता है, अब लग्न कुंडली में इन तीनों ग्रहों की राशि व डिग्री को देखना चाहिए और यह तीनों जिन राशि व डिग्री में हो उन्हें जोड़ लेना चाहिए इनके जोड़ से हमें जो प्राप्त होता है वह बीज स्फुट कहलाता है इसके बाद हमें नवमांश में बीज स्फुट की स्थिति देखनी चाहिए।

 

क्षेत्र स्फुट निकालने का तरीका:-

 

क्षेत्र स्फुट महिला की कुंडली में निकाला जाता है इनमें भी 3 ग्रहों की गढ़ना की जाती है और वह है गुरु, मंगल व चंद्र क्योंकि गुरु संतान कारक, मंगल मासिक धर्म व प्रजनन क्षमता का कारक और चंद्र प्रजनन की प्रक्रिया को दर्शाता है अब लग्न कुंडली में इन तीनों ग्रहों की राशि व डिग्री को देखना चाहिए और यह तीनों जिन राशि व डिग्री में हो उन्हें जोड़ लेना चाहिए इनके जोड़ से हमें जो प्राप्त होता है वह क्षेत्र स्फुट कहलाता है इसके बाद हमें नवमांश में क्षेत्र स्फुट की स्थिति देखनी चाहिए।

 

बीज स्फुट का फल:-

 

१. पुरुष की कुंडली में यदि बीज स्फुट विषम राशि और विषम नवमांश में आए तो संतान प्राप्ति की संभावना प्रवल होती है।

 

२. यदि दोनों (राशि और नवमांश) सम आए तो संभावना क्षीण हो जाती है।

 

३. यदि विषम राशि और सम नवमांश या सम राशि और विषम नवमांश आए तो संभावना सम रहती है कहने का आशय यह है कि कुछ विलंब के साथ संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।

 

क्षेत्र स्फुट का फल:-

 

१. महिला की कुंडली में यदि क्षेत्र स्फुट सम राशि और सम नवमांश में आए तो संतान प्राप्ति की संभावना प्रवल होती है।

 

२. यदि दोनों (राशि और नवमांश) विषम आए तो संभावना क्षीण हो जाती है।

 

३. यदि विषम राशि और सम नवमांश या सम राशि और विषम नवमांश आए तो संभावना सम रहती है कहने का आशय यह है कि कुछ विलंब के साथ संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।

 

उदाहरण पुरुष कुंडली से:-

 

उदाहरण पुरुष कुंडली

उदाहरण पुरुष कुंडली

 

यह सिंह लग्न की कुंडली है अतः अब यहाँ हम गुरु, शुक्र व सूर्य की राशि और अंशों को एक जगह लिखकर इनका जोड़ निकलेंगे।

 

विशेष:-

 

ग्रह जिस राशि में बैठे हों उसके ठीक पहले वाली राशि को लेंगे जैसे यहाँ गुरु मिथुन राशि में 10° 24′ का है तो इसे हम 2` 10° 24′शुक्र कर्क राशि में 29° 45′ का है तो 3` 29° 45′ और सूर्य कन्या राशि में 0° 34′ का है तो 5` 0° 34′ लेंगे अब इनका जोड़ करेंगे।

 

 2` 10° 24′
 3` 29° 45′
+ 5` 00° 34′
 —————
 10`39°103′
 —————–

 

इनका जोड़ हमें यह प्राप्त हुआ अब हमें पता है कि एक मिनट में 60 सेकंड होते है और 103′, 60 से अधिक है अतः हम 103′ से 60 को घटा देंगे।

 

      10`39°103′
– 60
       ——————
        10` 40° 43′
       —————–

 

अब हमें 10` 40° 43′ प्राप्त हुआ चूँकि हमें पता है एक राशि अधिकतम 30° की होती है इसलिए हम 10` 40° 43′ के 40° में से 30° को घटा देंगे।

 

   10` 40° 43′
– 30
 ——————
 11` 10° 43′
 ——————

हमें  11` 10° 43′ जो प्राप्त हुआ यह बीज स्फुट कहलाता है अब आप सभी को याद होगा कि 11 वीं राशि कुंभ होती है तथा हमें शुरुवात में सभी ग्रह जिन राशि में बैठे हुए थे उनके ठीक पहले की राशि को लिया था अतः अब हम 11 में 1 और जोड़ देंगे तो हमें 12 प्राप्त होगा अतः हमें मीन राशि जो कि सम राशि होती है वह प्राप्त हुई अतः हम कह सकते हैं कि मीन राशि के 10° 43′ अंश का नवमांश होगा जो कि मीन राशि का चतुर्थ नवमांश अर्थात तुला का नवमांश होगा।

 

अब इसके फल में हम यह देख सकते हैं कि मीन राशि जो कि सम राशि और तुला नवमांश जो कि विषम राशि का नवमांश है प्राप्त होता है अतः बीज स्फुट का तीसरा सूत्र इसमें लागू होता अर्थात इनको संतान सुख कुछ विलंब के साथ प्राप्त होगा।

 

नोट:- इसी तरह महिला का क्षेत्र स्फुट निकालना चाहिए।

 

जय श्री राम।

Astrologers:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470

1 reply
  1. एकता शर्मा
    एकता शर्मा says:

    अगर बीज स्फुट क्षीण हो और क्षेन स्फुट मध्यम हो तो क्या उपाय को

    Reply

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *