शरीर पर स्थित और आपका व्यक्तित्व भाग-२
शरीर पर स्थित और आपका व्यक्तित्व भाग-२
शरीर पर स्थित तिल और आपका व्यक्तित्व भाग:-१ की link मैं आप सभी को इस पोस्ट की शुरुवात व अंत दोनों जगह उपलब्ध करा रहा हूँ:-
भाग:-२
तस्या: शुभ वग्ममरालपदक्ष्य राज्यावृतं कृष्णावंशाल शुक्लम्र।
प्रास्पन्दतैक नयन सुकैशया, मीनाहत नइममिताभिताग्राम।।
सुन्दरकान्डे त्रिशा: सर्गा।।२।।
(श्रीमद वाल्मीकि रामायणै)
भावार्थ:-
सुंदर केशों वाली सीता, बांकी बनौलियों से घिरा हुआ परम मनोहर काला तिल, श्वेत और विशाल बायाँ नेत्र फड़कने लगा जैसे कि मानो मीन के आघात से लाल रक्त हिलने लगा हो, आर्या सीता को अशोक वाटिका में, शोकाकुल स्थिति में उपर्युक्त शकुन हुआ, जिससे उनका शोक जाता रहा, मन शांत हो गया और हिर्दय हर्ष से चहक उठा।
तिलों का अपना विशेष महत्व है, शकुन-अपशकुन के अतिरिक्त शरीर के विभिन्न अंगों में स्थित होने से विभिन्न प्रकार के फल प्राप्त होते हैं, मस्सा और तिल के बारे में “वराहमिहिर” जी ने बताया है कि यदि मस्सा शरीर के वर्ण का ही या उज्जवल हो तो ब्राह्मण जाति के लोगों के लिए शुभ होता है तथा क्षत्रिय वर्ग के लिए श्वेत या लालिमा युक्त मस्सा शुभ होता है, वैश्य वर्ग के लिए पीला, श्वेत और लालिमा युक्त मस्सा शुभ होता है, काला मस्सा केवल शूद्र जाति के लिए शुभ होता है।
कमर का तिल:-
कमर पर तिल वाले व्यक्ति हमेशा हाजिर जबाब पाए जाते हैं, इनका दिमाग तेज होता है व ऐसे व्यक्ति अपने बाहुबल से उन्नति प्राप्त करते हैं।
कूल्हों का तिल:-
कूल्हों का तिल व्यक्ति को सहनशील बनाता है ऐसे व्यक्ति हर परिस्थिति का सामना बखूबी कर लेते हैं व ऐसे व्यक्ति जल्दी हार मानकर नही बैठते हैं।
पीठ का तिल:-
पीठ में तिल का निशान होना बहुत शुभ नही होता अतः ऐसे व्यक्तियों को सोच-समझ कर ही किसी भी समारोह में शामिल होना चाहिए किन्तु पीठ पर तिल या मस्सा शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है, ऐसे व्यक्ति सरल हिर्दय के होते हैं साथ रणनीति बनाने में भी निपुण होते हैं।
कलाई का तिल:-
कलाई पर तिल व्यक्ति को किफायती बनाता है परंतु उसे किसी बंधन (केवल जेल ही नही अपितु सामाजिक बंधन भी) में बाँध सकता है, ऐसे व्यक्ति पर आँख बंद कर के विश्वास नही किया जा सकता, यदि ऐसा तिल महिला की कलाई पर है तो एक विवाह और पुरुष की कलाई पर है तो दो विवाह का सूचक होता है।
महिलाओं की कलाई पर तिल का होना उन्हें खुद-गर्ज व मतलब-परस्त बनाता है परंतु ऐसी महिलाएं अच्छी अभिनेत्री या काम निकालने के लिए ड्रामे बाज भी होती हैं, महिलाओं की बाईं कलाई पर तिल धन-दौलत दिलाता है, ऐसी स्त्रियाँ घरेलू काम में दक्ष व निपुण होती हैं, पुरुषों की बाईं कलाई पर तिल होना उन्हें खुददार व्यक्तित्व देता है ऐसे लोग सफल जीवन व्यतीत करते हैं।
पेट पर तिल:-
पेट पर तिल वाले व्यक्ति सज्जन पुरुष होते हैं, ऐसे व्यक्ति को ऐसी स्त्री से विवाह करना चाहिए जिसके विचार व व्यवहार में पुरुष के लिए लाभकारी सामंजस्य हो जिससे जीवन खुशहाल रहे।
बगल में तिल:-
बाईं ओर बगल का तिल, चिन्ह संघर्ष का सूचक है, दाईं ओर का तिल बहुत सतर्क व सावधान होने की चेतावनी देता है, यदि सावधानी न बरती तो ऐसे व्यक्तियों को अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।
अंगुलियों का तिल:-
किसी भी अंगुली पर तिल का होना व्यक्ति को बेईमान व परिश्रम से दिल चुराने का संकेत देता है।
हाथ पर तिल:-
महिलाओं के हाथों में तिल धन-दौलत, प्रतिष्ठा व मान-सम्मान प्रदान करवाता है परंतु पुरुषों के हाथ में तिल एक से अधिक विवाह के योग बनाता है जीवन रेखा, भाग्य रेखा व मस्तक के योग से बने त्रिकोण या घनागार का तिल पुरुषों को भाग्यवान, धनवान व राजयोग प्रदान करवाता है।
घुटनों पर तिल या मस्सा:-
दाईं ओर के घुटने पर पाया जाने वाला तिल या मस्सा खुशहाल जीवन व अच्छे भाग्य का प्रतीक होता है, इनका स्वभाव भी अच्छा होता है परंतु बाएं घुटने का तिल या मस्सा व्यक्ति को बेहद फिजूल खर्च करने वाला बनाता है किंतु ऐसे व्यक्ति व्यापार, व्यवहार व व्यवसाय में बहुत सूज-बूझ से कार्य करते हैं।
भाग:- १ पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं।
जल्द ही इसका तीसरा भाग प्रकाशित करूँगा जिस पर मस्से के बारे में लिखूँगा।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470
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