वृषभ राशि: जानिए, वृषभ राशि वाले व्यक्तियों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
वृषभ राशि: जानिए, वृषभ राशि वाले व्यक्तियों से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
वृषभ राशि वाले व्यक्तियों की जांघें बड़ी होती है तथा व्यक्ति अल्प तेजस्वी, आलस्य से भरपूर, सत्यवादी, धनी, आयुष्यमान अर्थात दीर्घायु, परोपकारी, माता-पिता व गुरु का भक्त किंतु श्रेष्ठ कर्म त्यागने वाला, राज प्रिय, संतोषी, शांतचित्त, वीर तथा सहनशील, बुद्धिमान, सुशील, उत्तम वस्त्र धारण व उत्तम भोजन करने वाला, अपने कार्य के प्रति समर्पित, मित्र संपन्न, उदार, स्वजनों से दूर रहने वाला, कुशल, दिखने में सुंदर, क्लेश सहने वाला, नेत्र रोगी, शीर्ण एवं अजीर्ण आदि रोग से दुःखी, पशुओं से कुछ डरने वाला, स्त्री की आज्ञा मानने वाला, कामी, कभी-कभी दो या तीन विपरीत लिंग के व्यक्ति से संबंध रखने वाला (यदि कुंडली के काम त्रिकोण भाव बली हों तभी), कन्या संतति अधिक प्राप्त करने वाला, तथा कृषि कर्म करने वाला होता है यदि वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के जीवन को तीन भागों में विभक्त किया जाए तो जीवन के अंतिम दो भाग सुख से व्यतीत होते हैं, ऐसे व्यक्ति प्रमदा प्रिय (स्त्रियों के शौकीन), परिश्रमी तथा गोधन (गाय, बैल आदि) से युक्त होते हैं।
वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के पीठ, चेहरे या बगल में मस्से, लहसन या व्रण का निशान होता है, ऐसे व्यक्तियों को अचानक धन प्राप्त होते हैं तथा व्यक्ति सुखमय एवं अधिकार पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं तथा वृषभ राशि वाले व्यक्तियों को धन, गृह और भूमि आदि की प्राप्ति होती है किंतु इनका बाल्यावस्था दुःख पूर्ण व्यतीत होता है, १, ३, ७, ९, १०, १२, १६, १९, २५, ३०, ३२, ५५ वां वर्ष वृषभ राशि वालों के लिए अशुभ होता है, प्रथम वर्ष में पीड़ा, तृतीय वर्ष में अग्नि भय, सातवें वर्ष में विसूचिका, नवम वर्ष में व्यथा, दशम वर्ष वर्ष में रुधिर प्रकोप, बाहरवें वर्ष नें वृक्ष या किसी ऊंचे स्थान से चोट , सोहलवें वर्ष में सर्प भय, उन्नीसवें वर्ष में पीड़ा, २५वें वर्ष में जल भय और ३०वें तथा ३२वें वर्ष में कफ प्रकोप एवं पीड़ा रहती है, यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो कुछ ग्रंथों के अनुसार ७८ तो कुछ ग्रंथों के अनुसार ९६ वर्ष की आयु रहती है, वृषभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए वृषभ, मिथुन, कन्या, मकर व कुंभ राशि वाले व्यक्ति व्यवहार एवं मित्रता के लिए अच्छे होते हैं, कर्क एवं सिंह राशि वाले व्यक्तियों से प्रायः शत्रुता होती रहती है, माघ मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, शुक्रवार व रोहिणी नक्षत्र वृषभ राशि वालों के लिए अनिष्टकारी होते हैं।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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