लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य का फल–Astrology Sutras
लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य का फल–Astrology Sutras
यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य हो तो ग्रंथकारों का मत है कि ऐसे व्यक्ति स्वस्थ, शूरवीर, अच्छी बुद्धि वाले, साधुजनों से प्रीति रखने वाले, प्रसिद्ध, बुद्धिमान, धन उपार्जन करने में चतुर, अति साहसी, संगीत प्रिय और भूमि व भवन के मालिक होते हैं साथ ही ऐसे व्यक्ति पुत्रवान, भूषण और वाहन युक्त होते हैं १८वें वर्ष में इन्हें विद्या के प्रताप से प्रसिद्धि व १९वें वर्ष में किसी से वियोग होता है साथ ही यदि सूर्य पर तीन ग्रहों की दृष्टि पड़ती हो तो व्यक्ति राजा का प्रिय, अच्छा कार्य करने में कुशल, पराक्रमी और प्रसिद्ध होता है, लग्न कुंडली के दशम भाव में यदि सूर्य उच्च राशि मेष या स्वराशि का सिंह का हो तो व्यक्ति बली, यशस्वी और प्रसिद्ध होता है किंतु यदि सूर्य पर पाप ग्रह की दृष्टि हो तो व्यक्ति के प्रत्येक कार्य में बाधाएं उत्पन्न होती रहती है।
यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति की माता को किसी प्रकार के रोग प्रायः बने रहते हैं और ऐसे व्यक्तियों के मन में ग्लानि प्रायः बनी रहती है साथ ही ऐसे व्यक्तियों का मित्र व स्त्री आदि प्रियजनों से वियोग होता है, मानसागरी में कहा गया है कि:-
दशमभुवन संस्थे तीव्रभानौ मनुष्यो गुणगणसुखभागी दानशीलोऽभिमानी।
मृदुल: शुचियुक्तो नृत्यगीतानुरागी नरपति रतिपूज्य: शेषकाले च रोगी।।
अर्थात यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति बहुगुणी होता है साथ ही ऐसे व्यक्ति सुखी, दानी, अभिमानी, कोमल, पवित्र, नाचने-गाने में रुचि रखने वाले और उच्चपदाधिकारी द्वारा सम्मानित होते किंतु जीवन के उत्तरार्ध में स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित रहते हैं, मंत्रेश्वर महाराज जी ने फलदीपिका में कहा है कि यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य हो तो ऐसे व्यक्ति राजा के समान सुख प्राप्त करने वाले, पुत्रवान और अनेक सवारी का सुख प्राप्त करने वाले होते हैं साथ ही लोग इनकी प्रशंसा करते हैं और ऐसे व्यक्ति मतिमान, बलवान तथा कीर्तिमान होते हैं।
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति बुद्धिमान, प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला, धन संचय में निपुण, सूर्य को 3 शुभ ग्रह देखते हों तो राजा द्वारा सम्मान प्राप्त करने वाला, तालाब-कुएं-मंदिर का निर्माण करवाने वाला तथा शुभ कार्यों में रुचि लेने वाला होता है, यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक तथा धनु राशि का हो तो पुलिस, सेना व आबकारी के माध्यम से अच्छा धन लाभ प्राप्त करता है या बैंकिंग, फाइनेंस, मार्केटिंग के क्षेत्र में अच्छी उन्नति प्राप्त करता है, यदि सूर्य दशम भाव में वृषभ, कन्या, मकर, कुंभ या मिथुन राशि का हो तो व्यक्ति उच्चाधिकारी होता है साथ ही यदि अन्य शुभ ग्रहों का सहयोग हो व मंगल भी दशम भाव में सूर्य के साथ हो तो व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में ऊँचे शिखर पर पहुँचता है, तुला राशि का सूर्य यदि दशम भाव में हो तो कुछ झंझटों के साथ उन्नति प्राप्त होती है किंतु यदि सूर्य का नीचभंग हो रहा हो तो व्यक्ति जज, मिनिस्टर आदि के समान किसी पद को प्राप्त करता है।
ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के अनुसार यदि लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य वृश्चिक राशि का हो तो व्यक्ति प्रसिद्ध डॉक्टर हो सकता है, दशम भाव का सूर्य एकदम से बड़ी सफलता नही देता ऐसे व्यक्ति धीरे-धीरे उन्नति प्राप्त करते हैं ऊंचे शिखर तक पहुँचते हैं किंतु जीवन के अंतिम भाग में रोगी होते हैं और बंधु-बांधवों से कलह व वियोग का दुःख प्राप्त करते हैं।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470, 7007245896
Email:- pooshark@astrologysutras.com
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