मेष लग्न की कुंडली के विभिन्न भावों में सूर्य का फल भाग ५

मेष लग्न की कुंडली के विभिन्न भावों में सूर्य का फल भाग ५

 

 

मेष लग्न कुंडली के विभिन्न राशियों में सूर्य का फल

मेष लग्न कुंडली के विभिन्न राशियों में सूर्य का फल

 

भाग:-१ पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं

 

 

मेष लग्न की कुंडली के नवम भाव में सूर्य का फल:-

 

मेष लग्न कुंडली के नवम भाव में सूर्य

मेष लग्न कुंडली के नवम भाव में सूर्य

 

नवम भाव से भाग्य, पिता व गुरु का विचार किया जाता है जहाँ सूर्य के अपने मित्र गुरु के धनु राशि में बैठा होने के कारण से उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनेंगे तथा बुद्धि बहुत तीव्र रहेगी और धर्म शास्त्र का अच्छा ज्ञान प्राप्त होगा साथ ही बुद्धि योग द्वारा भाग्य की महान वृद्धि के योग बनेंगे और संतान का उत्तम सहयोग प्राप्त होगा साथ ही वाणी के द्वारा बड़ा प्रभाव और यश प्राप्त होगा साथ ही ऐसे जातक/जातिका को ईश्वर और न्याय पर विश्वास रहेगा किंतु गुरु व पिता का पूर्ण सुख नही प्राप्त हो सकेगा व सातवीं दृष्टि से तीसरे भाव को भाई-बहन और पराक्रम स्थान को मित्र बुध के मिथुन राशि में देखने के कारण से भाई-बहन का सुख प्राप्त होगा और पराक्रम व पुरुषार्थ शक्ति के अंदर बुद्धि की योग्यता से बड़ी शक्ति और स्फूर्ति प्राप्त होगी।

 

भाग:-२ पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं

 

 

मेष लग्न की कुंडली के दशम भाव में सूर्य का फल:-

 

मेष लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य

मेष लग्न कुंडली के दशम भाव में सूर्य

 

दशम भाव से पिता, राज्य, व्यापार, मान-प्रतिष्ठा का विचार किया जाता है जहाँ सूर्य के अपने शत्रु शनि की मकर राशि में बैठा होने के कारण से पिता स्थान में कुछ वैमनस्यता युक्त शक्ति प्राप्त होगी तथा विद्या के पक्ष में कुछ अड़चनों का साथ राजभाषा की योग्यता प्राप्त होगी और जातक/जातिका दिमाग एवं विचारों के अंदर बड़ी भारी उत्तेजना, क्रोध तथा अहंभाव रखेंगे तथा संतान पक्ष के संबंध में कुछ अरूचिक सहयोग शक्ति प्राप्त होगी और सातवीं दृष्टि से मित्र चन्द्रमा के कर्क राशि में देखने के कारण से माता का उत्तम सुख और भूमि का अच्छा योग प्राप्त होगा और राज-समाज एवं कारोबार के मार्ग में बुद्धि योग से उन्नति प्राप्त होगी।

 

भाग:-३ पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं

 

 

मेष लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य का फल:-

 

मेष लग्न कुंडली के एकादश भाव में सूर्य

 

एकादश भाव से बड़े भाई, आमदनी, लाभ का विचार किया जाता है एकादश भाव में क्रूर या गर्म ग्रह अत्यधिक शक्तिशाली फल का दाता हो जाता है जहाँ सूर्य के अपने शत्रु शनि के कुंभ राशि में बैठा होने के कारण से आमदनी के मार्ग में विशेष उन्नति के लिए बड़ा भारी परिश्रम करना होगा और बुद्धि योग के द्वारा विशेष सफलता प्राप्ति के भी योग बनेंगे तथा आमदनी के मार्ग में बड़ा प्रभाव रहेगा तथा सातवीं दृष्टि से पंचम भाव को अपने खुद की सिंह राशि में देखने के कारण से उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनेंगे और संतान का उत्तम सुख भी प्राप्त होगा साथ ही ऐसे जातक/जातिका स्वार्थ सिद्धि के मार्ग में बड़ी दृढ़ता और तत्परता तथा वाणी की कटुता से सफलता प्राप्त करेंगे।

 

भाग:-४ पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएं

 

 

मेष लग्न की कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य का फल:-

 

मेष लग्न कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य

मेष लग्न कुंडली के द्वादश भाव में सूर्य

 

द्वादश भाव से खर्च व बाहरी स्थान का विचार किया जाता है जहाँ सूर्य के अपने मित्र गुरु की मीन राशि में बैठा होने के कारण से जातक/जातिका खर्च की विशेष संचालन शक्ति बुद्धि योग द्वारा प्राप्त करेंगे और बाहरी स्थानों का अच्छा संबंध प्राप्त करेंगे किंतु व्यय स्थान में बैठे होने के दोष के कारण से विद्या के पक्ष में कुछ कमजोरी रहेगी और संतान पक्ष में कुछ कमी और परेशानी तथा हानि के योग बनेंगे तथा दिमाग में कुछ तनाव और परेशानी रहेगी व सातवीं दृष्टि से छठे/षष्ठ भाव को मित्र बुध की कन्या राशि में देखने के कारण से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और शत्रु पक्ष में सद्भावनाओं के द्वारा प्रभाव की शक्ति और निर्भयता प्राप्त होगी।

जय श्री राम।

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470

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