मेष राशि: जानिए, मेष राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
मेष राशि: जानिए, मेष राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
मेष राशि वाले व्यक्ति धनवान, पुत्रवान, तेजस्वी, परोपकारी, सुशील, राज प्रिय, देव-गुरु भक्त, गर्म भोजन की चाह रखने वाले, अल्पहारी, भीरु, कठोर चित्त, शुभ कार्यों में धन व्यय करने वाले, जल से कुछ भय अनुभव करने वाले, मुश्किल परिस्थितयों से न घबड़ाने वाले, चंचल युक्त धनी अर्थात कभी अच्छा धन हो तो कभी कम धन हो कहने का आशय यह है कि आय में उतार-चढ़ाव वाले व कभी-कभी चिड़चिड़े स्वभाव वाले होते हैं, ऐसे व्यक्तियों जल से भय रहता है तथा ऐसे व्यक्तियों का कभी-कभी उच्च स्थान से पतन हो जाता है, मेष राशि वाले व्यक्ति वात की समस्या से परेशान रहते हैं तथा ऐसे व्यक्तियों की गोल आँखें होती है तथा उनके घुटने कुछ कमजोर होते हैं, इनके स्वभाव में उग्रता प्रायः बनी रहती है, मेष राशि वाले व्यक्ति चपल और घूमने के शौकीन होते हैं साथ ही इनमें काम वासना भी अधिक होती है साथ ही मिथ्याभाषण भी करते हैं, यदि मेष राशि वालों के सप्तम भाव में अशुभ ग्रह की दृष्टि हो तो प्रायः इनकी दो शादी होती है और इन्हें अजीर्ण एवं उदर रोग से भय होता है, मेष राशि के जातक प्रायः स्त्री के वशीभूत और पुत्रादि सुख-संबंध प्राप्त करते हैं, मेष राशि वालों की माता प्रायः सुख रहित अथवा पुत्र पर निर्दयी होती हैं, मेष राशि वाले व्यक्ति युद्ध विभाग या कोई स्वतंत्र व्यवसाय में उन्नति प्राप्त करते हैं और अनेक मनुष्यों पर अधिकार रखने वाले व्यवसाय में तीव्र उन्नति प्राप्त करते हैं कहने का आशय यह है कि मेष राशि वाले व्यक्तियों की उन्नति प्रायः व्यवसाय द्वारा होती है, इन्हें कर्क, सिंह, वृश्चिक, धन और मीन राशि वाले मनुष्यों के साथ व्यवसाय करने में अति शुभ फल प्राप्त होता है।
प्रतिपदा, षष्ठी और एकादशी तिथियाँ मेष राशि वालों के लिए अनिष्टकारी होती हैं तीसरा, छठवां, आठवां, बाहरवां और पंद्रहवाँ वर्ष अशुभ अथवा अनिष्टकारी रहता है, प्रथम, सप्तम, अष्टम एवं त्रयोदश वर्ष में ज्वर पीड़ा, सोलहवें और सतरहवें वर्ष में विषूचिका, तीसरे और बाहरवें वर्ष में जल भय, २५वें वर्ष में संतानोत्पति (यदि शुभ ग्रहों का सहयोग कुंडली में प्राप्त हो तब) एवं रतौंधी तथा ३२वें वर्ष में शस्त्र भय होता है, ऐसे व्यक्तियों के लिए मंगलवार किसी भी कार्य के आरंभ हेतु शुभ होता है, बुधवार सर्वदा अनिष्टकारी होता है, यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो व्यक्ति की आयु ९० वर्ष तक की हो सकती है, कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष, नवमी तिथि, बुधवार और अर्धरात्रि मेष राशि वालों के लिए अनिष्टकारी होते हैं।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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