मीन लग्न और आप: जानिए, मीन लग्न वालों का व्यक्तित्व
मीन लग्न और आप: जानिए, मीन लग्न वालों का व्यक्तित्व
मीन लग्न वाले व्यक्तियों का शरीर सुंदर व सुडौल होता है तथा इनको पित्त की समस्या प्रायः बनी ही रहती है, मीन लग्न वाले व्यक्तियों को जल से अत्यधिक प्रेम होता है और प्रेमवश कभी-कभी जल का अत्यधिक सेवन भी करते हैं तथा विलासी होते हैं, इनको सुख, शांतिमय और भोग-विलास युक्त जीवन वाले सिध्दांत पर चलना पसंद होता है इस कारण मीन लग्न वाले व्यक्ति आँख मूंद कर पानी की तरह धन व्यय करते हैं तथा ऐसे व्यक्ति कुशल कवि और लेखक भी होते हैं साथ ही इनमें रुचि भी रखते हैं, मीन लग्न वाले व्यक्ति कभी भी समय फालतू में नष्ट नही करते अर्थात सदैव ही क्रियाशील रहते हैं कहने का आशय यह है कि मीन लग्न वाले व्यक्ति निरंतर कोई न कोई कार्य करते ही रहते हैं इनको खाली बैठकर समय बर्बाद करना नही पसंद होता है भले ही वह सचमुच में कार्य में व्यस्त न भी हो, अंग्रेजी भाषा में ऐसे जातकों के लिए एक कहावत है Busily Idle अर्थात बहुत समुचित होता है, मीन लग्न वाले व्यक्ति बहुत सी बातों को जानने वाले, हर बात की खबर रखने वाले, बहुत सी बातों में अंधविश्वासी, कीर्ति संपन्न, दक्ष, अल्पाहारी, चपल, धूर्त और धन समृद्धि वाले होते हैं, ऐसे व्यक्तियों को बचपन एवं युवावस्था के प्रारंभ में अनेक दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है पर उनसे वह बच जाता है तथा इनके धन की हानि शत्रु द्वारा और पारस्परिक राग-द्वेष से होती है, मीन लग्न वाले व्यक्ति कहीं-कहीं पर साहसी तो कहीं-कहीं पर भीरु सिद्ध होते हैं, अनिश्चित विचार, दृढ़ संकल्प अथवा संकल्प विकल्प में पड़ कर बहुत सा अच्छा समय इनके हाथ से निकल जाता है, इन्हें संगीत, नाटक, चित्र, नृत्य तथा अन्य सुललित कलाओं में अभिरुचि और प्रेम होता है, मीन लग्न वाले व्यक्ति मेधावी, उत्तम स्मरण शक्ति वाले, बहुत सी कन्या वाले, स्त्री से प्रेम रखने वाले और प्रसिद्ध व कीर्तिशाली व्यक्ति से मित्रता रखने वाले होते हैं।
मीन लग्न की महिलाओं में उपरोक्त गुण के अतिरिक्त अन्य गुण जैसे रूपवती, सुंदर नेत्र व केश वाली, आज्ञाकारिणी, पति से अत्यधिक प्रेम रखने वाली, करुणामयी, पुत्र-पौत्रादि वाली तथा पूजा-पाठ में प्रेम रखने वाली होती है, मीन लग्न वाले व्यक्ति सदैव ही स्वास्थ्य के प्रति असावधान रहते हैं, इन्हें छूत-छात वाली बीमारी, पैर में ठंड लगने से कोई रोग आदि होने की संभावना रहती है, मादक तथा नशीली चीजों से इन्हें सख्त परहेज करना चाहिए, तनाव लेना इनके लिए हानिकारक होता है, मीन लग्न वालों की कुंडली में बृहस्पति और मंगल के संबंध बनने से राजयोग होता है, मंगल व चंद्रमा का संबंध भी उत्तम फल प्रदान करता है, बृहस्पति के साधारण फल होते हैं, मीन लग्न वालों के लिए शनि प्रवल मारक होता है उसके बाद शुक्र व मंगल मारक होते हैं किंतु मंगल स्वम् मारकेश नही होता, मीन लग्न वालों को शनि, सूर्य, शुक्र व बुध से शुभ फल नही मिलते किंतु यदि शनि द्वादश भाव में हो तो शुभ होता है, ज्योतिर्विद पूषार्क जेतली जी के मतानुसार कुंडली के तृतीय, षष्ठ व एकादश में भी शनि हो तो व्यक्ति बड़ा धनी बनता है किंतु प्रायः दुःखी ही रहता है और यदि चंद्रमा द्वादश में हो तो प्रायः मीन लग्न वालों को कन्या संतति अधिक होती है किंतु एक पुत्र प्राप्ति के भी योग रहते हैं (कुंडली में ग्रहों की भूमिका के आधार पर), यदि वृश्चिक का नवमांश हो तो व्यक्ति में प्राकृतिक गुणों का पूर्ण विकास होता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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