धनु लग्न और आप: जानिए, धनु लग्न वालों का व्यक्तित्व

धनु लग्न और आप: जानिए, धनु लग्न वालों का व्यक्तित्व

 

धनु लग्न वालों का व्यक्तित्व

धनु लग्न वालों का व्यक्तित्व

 

धनु लग्न वाले व्यक्तियों का गला लंबा होता है तथा ऐसे व्यक्ति सादा और स्पष्ट विचार वाले होते हैं साथ ही न्याय और सत्य के लिए खूब परिश्रम करते हैं, धनु लग्न वाले व्यक्ति निष्काम कर्म करते हैं तथा किसी विषय को बहुत आसानी से और बहुत जल्दी समझ जाते हैं, ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान तथा कई भाषाओं को जानने वाले होते हैं और अपनी मेघा तथा गुण द्वारा शीघ्र ही उन्नति करते हैं, ऐसे व्यक्ति उदार प्रकृति के होते हैं तथा ज्ञान के विषयों में उनकी बड़ी रुचि रहती है कहने का आशय यह है कि ऐसे व्यक्ति नित्य नया ज्ञान पाने को ललाहित रहते हैं और ऐसे व्यक्ति बिना किसी प्रकार के आडंबर तथा दिखलावटी बातों के शांतिमय जीवन व्यतीत करना पसंद करते हैं, लोगों की सेवा में ऐसे व्यक्ति अपना जीवन समर्पित किए रहते हैं सिर्फ इतना ही नही जरूरत पड़ने पर ऐसे व्यक्ति दूसरे के लिए अपने समस्त सुखों का भी त्याग कर देते हैं, धनु लग्न वाले व्यक्ति अपने नौकरों व आश्रितों पर विशेष दया भाव रखते है, धनु लग्न वाले व्यक्ति सत्यवादी, भाग्यवान, सुंदर, विद्वान, ज्ञानी, नवीन ज्ञान सीखने को तत्पर, भ्रमित, देव व ब्राह्मण भक्त, सत्यवादी, कटु वचन बोलने में भी न झिकझिकाने वाले, बुद्धिमानों में बड़े पक्षपाती, बुद्धिमान, योग्य, अपने कुल वंश तथा जाति में ख्याति प्राप्त करने वाले तथा व्यंग वचन बोलने वाले होते हैं।

 

धनु लग्न वाले व्यक्ति बड़े-बड़े अधिकारियों व बड़े व्यक्तियों से मित्रता रखते हैं, यदि किसी महिला का धनु लग्न हो तो उपरोक्त गुण के अतिरिक्त दयालुता में अभिरुचि, करुणामय चित्त वाली, उदार व हिर्दय से अत्यंत कोमल आदि गुणों से युक्त होती हैं, धनु लग्न वाले व्यक्तियों को कार्य के बीच-बीच में थोड़ा विश्राम अवश्य लेना चाहिए, नित्य व्यायाम से इन्हें सर्वदा लाभ होता है तथा यह स्वस्थ रहते हैं, धनु लग्न वाले व्यक्तियों को रुधिर विकार के अतिरिक्त दुर्घटना, शरीर पटलर चोट लगने व घोड़ों से विशेष रूप से बचकर रहना चाहिए, धनु लग्न वालों के लिए सूर्य और मंगल बहुत ही शुभ फल देने वाले ग्रह होते हैं, सूर्य और बुध का परस्पर संबंध बनने से राजयोग तुल्य सुख मिलता है, शुक्र अनिष्टकारी ग्रह तो बृहस्पति बेहद शुभफलदाई ग्रह होता है किंतु कभी-कभी बृहस्पति बुरा फल भी देता है, यदि शनि कुंडली के एकादश भाव में हो तो अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं, धनु लग्न वालों को चंद्रमा अष्टमेश होकर भी शुभ फल देता है कारण चंद्रमा इस कुंडली के लग्नेश बृहस्पति का मित्र है और चंद्रमा को अष्टमेश होने का दोष नही लगता है किंतु मेरे (जोतिर्विद पूषार्क जेतली) के अनुभव के अनुसार धनु लग्न वालों के लिए चंद्रमा साधारण फल अर्थात कभी अच्छा तो कभी बुरा फल देता है विशेषतः यदि चंद्रमा द्वादश भाव में स्थित हो और उसको शुभ ग्रह न देखते हों तो इस स्थिति में चंद्रमा अत्यंत अनिष्टकारी होकर अपनी दशा में मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट अवश्य ही देता है और यदि चंद्रमा की दशा जीवनकाल में न पड़ती हो तो कुंडली में जो क्रूर ग्रह अत्यधिक बली होगा उसकी या बुध की दशा में चंद्र की अंतर्दशा आने पर मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट होता है, सिंह का नवमांश होने और व्यक्ति में प्राकृतिक गुणों का पूर्ण विकास होता है।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470, 7007245896

Email:- pooshark@astrologysutras.com

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