ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे अनोखे और दुलभ सूत्र जो व्यक्ति की काठी को दर्शाते हैं
ज्योतिष शास्त्र के कुछ ऐसे अनोखे और दुलभ सूत्र जो व्यक्ति की काठी को दर्शाते हैं
ज्योतिष के कुछ प्राचीनतम ग्रंथों में से मुझे कुछ सूत्र प्राप्त हुए थे जिनको मैंने शत-प्रतिशत लागू होते देखें है कुछ ही समय पूर्व एक व्यक्ति ने मुझसे इस विषय पर काफी चर्चा की थी व मुझसे इन सूत्रों को ज्योतिष के विद्यार्थियों के साथ साझा करने के लिए कहा था आज मैं उनमें से १६ सूत्रों को आप सभी के समक्ष रखता हूँ।
ज्योतिष के १६ अनोखे व दुर्लभ सूत्र:-
१. यदि शुष्क ग्रह (सूर्य, शनि व मंगल) लग्न में हो तो शरीर कृश तथा दुर्बल होता है कहने का आशय यह है कि ऐसे व्यक्ति दुबले-पतले होते हैं।
२. यदि लग्न निर्जल राशि में हो तो शरीर कृश होता है।
३. यदि लग्नेश शुष्क ग्रह (सूर्य, शनि व मंगल) के साथ हो अथवा निर्जल राशि का हो तो शरीर दुबला होता है।
४. यदि लग्नेश अष्टम या द्वादश भाव में हो तो शरीर दुबला-पतला होता है।
५. यदि लग्नेश का नवांशेश (लग्नेश नवमांश कुंडली में जिस राशि पर स्थित हो उसका स्वामी) शुष्क ग्रह (सूर्य, शनि व मंगल) के साथ हो तो शरीर दुबला-पतला होता है।
६. यदि लग्न निर्जल राशि में रहे और उसमें पाप ग्रह बैठे हों तो शरीर दुबला होता है।
७. यदि लग्न जल राशि हो और उसमें शुभ ग्रह स्थित हों तो शरीर स्थूल होता है।
८. यदि लग्नेश जल ग्रह हो साथ ही बली भी हो और शुभ ग्रह के साथ हो तो शरीर पुष्ट होता है।
९. यदि लग्नेश जल राशि में हो और शुभ ग्रह अथवा जल ग्रह के साथ हो तथा उस पर जल ग्रह की दृष्टि हो तो शरीर पुष्ट होता है।
१०. लग्न का स्वामी अर्थात लग्नेश जिस नवमांश में हो उसका स्वामी यदि जल राशि में हो तथा लग्न शुभ राशि में हो तो शरीर स्थूल होता है।
११. लग्न में बृहस्पति हो या लग्न पर जल राशिगत बृहस्पति की दृष्टि हो या लग्न जल राशि हो या लग्न पर शुभ ग्रह की दृष्टि या संयोग हो तो शरीर असाधारण रूप से स्थूल होता है।
१२. लग्नेश शुष्क ग्रह होने से, शुष्क ग्रह के साथ रहने से, शुष्क ग्रह के क्षेत्र में स्थित होने से, शुष्क राशि तथा वायु और अग्नि राशि में स्थित होने से या लग्नेश के अष्टम या द्वादश में स्थित होने से जातक/जातिका शुष्क देह तथा दुर्बल होते हैं।
१३. यदि लग्न शुष्क राशि हो और उसमें पाप ग्रह हों (सूर्य, मंगल व शनि शुष्क ग्रह होने के साथ-साथ पाप ग्रह भी हैं) तो जातक का शरीर दुबला होता है।
१४. लग्नेश जल राशिगत हो या जल ग्रह से युक्त हों तो शरीर स्थूल होता है।
१५. यदि लग्नेश जल ग्रह हो और बली हो साथ ही अन्य जल ग्रह के साथ हो तो जातक/जातिका स्थूल शरीर वाले होते हैं।
१६. लग्न में बृहस्पति के रहने से, जो जल ग्रह हैं और आकाश या तेज तत्वों का स्वामी हो या लग्न पर बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि होने से और यदि लग्न जल राशि भी हो तो असाधारण (अत्यंत मोटा) होता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470, 7007245896
Email:- pooshark@astrologysutras.com
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