ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृत्यु योग के प्रकार, उनकी आयु तथा जानें कौन ग्रह किसके मारकेश होते हैं

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृत्यु योग के प्रकार, उनकी आयु तथा जानें कौन ग्रह किसके मारकेश होते हैं

 

आयु के कुछ योग

आयु के कुछ योग

 

ज्योतिष शास्त्र की मान्यतानुसार व्यक्ति की आयु का निर्णय गर्भ में ही हो जाता है वैदिक ज्योतिष में जीवन अवधि के कठिन विषय पर व्यापक चिंतन किया गया है।

 

बृहत पाराशर होरा शस्त्र में महर्षि पराशर कहते हैं:-

 

बालारिष्ट योगारिष्टमल्पध्यंच दिर्घकम।
दिव्यं चैवामितं चैवं सत्पाधायुः प्रकीतितम॥

 

अर्थात:- आयु का सटीक ज्ञान तो देवों के लिए भी दुर्लभ है फिर भी बालारिष्ट, योगारिष्ट, अल्प, मध्य, दीर्घ, दिव्य व अस्मित ये सात प्रकार की आयु होती हैं इसके अलावा लग्नेश, राशीश, अष्टमेश व चंद्र नीच, शत्रु राशि के हों व 6, 8, 12 भाव आदि में चले जाएं चंद्र नीच के अलावा अमावस्या युक्त हो तथा इन पर राहु, केतु का प्रभाव हो तो भी मारक योग बन जाता है जो कि मृत्यु का कारण बनते हैं।

 

१. बालारिष्ट योग में व्यक्ति की अधिकतम आयु 8 वर्ष तक की हो सकती है।

 

२.योगारिष्ट योग में व्यक्ति की अधिकतम आयु  20 वर्ष तक की हो सकती है।

 

३. अल्पायु योग में व्यक्ति की अधिकतम आयु 32 वर्ष तक की हो सकती है।

 

४. मध्यमायु योग में व्यक्ति की अधिकतम आयु 64 वर्ष तक की हो सकती है।

 

५. दीर्घायु योग में व्यक्ति की आयु अधिकतम 120 वर्ष तक की हो सकती है।

 

६. दिव्य योग में व्यक्ति की आयु अधिकतम 1000 वर्ष तक की हो सकती है।

 

७. अस्मित योग में व्यक्ति की अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं होती है।

 

ज्योतिष में जीवन अवधि का विचार सामान्यतः अष्टम भाव से किया जाता है इसके साथ ही अष्टमेश, कारक शनि, लग्न-लग्नेश, राशि-राशीश, चंद्रमा, कर्मभाव व कर्मेश, व्यय भाव व व्ययेश तथा इसके अलावा प्रत्येक लग्न के लिए मारक अर्थात् शत्रु ग्रह, द्वितीय, सप्तम, तृतीय एवं अष्टम भाव तथा इनके स्वामियों तथा शुभ एवं अशुभ पाप ग्रहों द्वारा डाले जाने वाले प्रभाव पर भी विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सामान्यतः आयु में कमी करके मृत्यु का योग ‘मारक’ ग्रह देते हैं इस तरह से शब्ध “मारक” या “मारकेश” का अर्थ होता है मारने वाला या मृत्यु देने वाले ग्रह जो आयु में कमी कर मृत्यु देता है सामान्यतः मारकेश ग्रह वह होता है जो लग्नेश से शत्रुता रखता है मंगल व बुध एक दूसरे के लिए मारकेश हैं, सूर्य व शनि एक दूसरे के लिए मारकेश हैं, शनि व चंद्र एक दूसरे के लिए मारकेश हैं, शुक्र व मंगल एक दूसरे के लिए मारकेश हैं, गुरु व बुध एक दूसरे के लिए मारकेश हैं, राहू व केतू छाया ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल व बृहस्पति के लिए मारकेश हैं।

 

जय श्री राम।

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470

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