जानें लड़की का ससुराल व उसका पति कैसा होगा भाग २
जानें लड़की का ससुराल व उसका पति कैसा होगा भाग २
भाग:-२
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भाग:-१ में मैंने कन्या का विवाह किस वर्ष में होगा, ससुराल की दिशा क्या होगी, विवाह की आयु क्या होगी पर भृगु संहिता के कुछ सूत्रों को अपने अनुभव के साथ समझाने का प्रयास किया था आज उसी विषय को आगे बढ़ाते हुए कुछ अन्य बातों पर भी चर्चा करते हैं जिससे आप सभी को कन्या के विवाह को लेकर अधिक चिंतित होने की आवश्यकता नही रहेगी व आप बहुत ही सरल विधि से कुछ महत्पूर्ण बातों को इन सूत्रों से ज्ञात कर सकेंगे तो चलिए कुछ अन्य सूत्रों पर चर्चा शुरू करते हैं:-
ससुराल की दूरी क्या होगी:-
१. जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि स्थिर राशियाँ जैसे वृष, सिंह, वृश्चिक व कुंभ राशि हो तो जातिका का विवाह 120 किलोमीटर के अंदर ही होता है।
२. यदि सप्तम भाव में चंद्र, शुक्र व गुरु स्थित हो तो जातिका का विवाह जन्म स्थान के नजदीक ही होता है।
३. जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि चर राशियाँ जैसे मेष, कर्क, तुला व मकर हो तो जातिका का विवाह 120 से 300 किलोमीटर के अंदर ही होता है।
४. जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि द्विस्वभाव राशियाँ जैसे मिथुन, कन्या, धनु, मीन हो तो जातिका का विवाह 70 से 130 किलोमीटर के मध्य होता है।
५. यदि सप्तमाधिपति अर्थात सप्तम भाव में जो राशि हो उसका स्वामी सप्तम भाव से द्वादश भाव के मध्य कहीं भी स्थित हो तो जातिका का विवाह विदेश में होता है या लड़का विवाह उपरांत पत्नी के साथ विदेश चला जाता है।
विशेष:-
यहाँ विदेश का आशय सिर्फ देश के बाहर से ही नही अपितु एक राज्य से दूसरे राज्य को भी समझना चाहिए उदाहरण के लिए यदि लड़का उत्तरप्रदेश का रहने वाला है तो विवाह उपरांत व अपनी पत्नी के साथ किसी अन्य राज्य जैसे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र या अन्य किसी भी राज्य में भी जा सकता है।
पति कैसा होगा:-
१. यदि शुभ ग्रह जैसे चंद्र, बुध, गुरु व शुक्र सप्तम भाव के स्वामी हों या सप्तम भाव में स्थित हों या सप्तम भाव को देखते हैं तो पति सम आयु या 1 से 5 वर्ष के अंतर वाला गोरा व दिखने में सुंदर होगा।
२. यदि पापी ग्रह सूर्य, मंगल, शनि, राहु व केतु सप्तम भाव को देखते हों या सप्तम भाव में स्थित हों कहने का आशय यह है कि सप्तम भाव यदि पापी ग्रह के प्रभाव में हो तो पति 5 वर्ष या उससे अधिक बड़ा होता है।
३. यदि शनि सप्तम भाव में अपनी उच्च राशि का होकर स्थित हो तो पति पतला व सुंदर और लड़की से 6 से 8 वर्ष तक बड़ा हो सकता है और यदि शनि सप्तम भाव में नीच राशि का हो तो पति श्याम वर्ण का व आयु में काफी बड़ा होता है।
विशेष:-
यदि सप्तम भाव में सिंह राशि हो तो पति सुंदर, आकर्षक चेहरे वाला, गोल मुख वाला, क्रोधी, ज्ञानी, चेहरे पर अर्थात ललाट पर एक अलग ही तेज लिए होता है, यदि सप्तम भाव में कर्क राशि हो तो पति सुंदर, सुडौल, मध्यम कद वाला, प्रेम वात्सल्य से भरपूर, व शांत स्वभाव का होता है, यदि सप्तम भाव पर मेष या वृश्चिक राशि हो तो पति क्रोधी, सत्यवादी, छोटे कद वाला, नियम का पालन करने वाला, जिद्दी, शूरवीर व भ्रात प्रेमी होता है, यदि वृष या तुला राशि सप्तम भाव में हो तो पति सुंदर, ज्ञानी, शांत चित्त वाला व मध्यम कद वाला होता है, यदि सप्तम भाव में धनु या मीन राशि हो तो व्यक्ति सुंदर, विद्वान, गुरु व पिता भक्त, धार्मिक, मध्यम कद वाला होता है, यदि मिथुन व कन्या राशि सप्तम भाव में हो तो पति ज्ञानी, चतुर, सुंदर, अकसर भ्रमित रहने वाला, वाचाल अधिक करने वाला होता है।
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पति की नौकरी:-
कन्या की लग्न कुंडली का सप्तम भाव पति का व चतुर्थ भाव सप्तम से दशम होने के कारण से पति का राज्य भाव होता है, यदि कन्या की कुंडली का चतुर्थ भाव बली हो या चतुर्थ भाव का स्वामी सूर्य, चन्द्र, मंगल, गुरु, शुक्र को देखता हो साथ ही यह ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, गुरु व शुक्र) केंद्र या त्रिकोण में बैठे हों तो पति की अच्छी नौकरी होती है या विवाह बाद पति की अच्छी उन्नति होती है।
पति की आयु:-
१. कन्या की जन्म कुंडली का द्वितीय भाव उसके पति के आयु का भाव होता है क्योंकि द्वितीय भाव सप्तम भाव से अष्टम होता है और अष्टम भाव से आयु का विचार किया जाता है, यदि दूसरे भाव का स्वामी शुभ स्थिति में हो या द्वितीय स्थान को देख रहा हो तो पति दीर्घायु होता है।
२. यदि द्वितीय भाव में शनि स्वग्रही, मित्र राशि, मूलत्रिकोण राशि या उच्च राशि का स्थित हो या गुरु द्वितीय भाव, सप्तम भाव को देख रहा हो तो उस स्थिति में भी पति दीर्घायु होकर 75 वर्ष की आयु प्राप्त करता है।
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जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470
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