खग्रास चंद्र ग्रहण २६ मई २०२१ जानिए किन राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
खग्रास चंद्र ग्रहण २६ मई २०२१ जानिए किन राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
विक्रम संवत २०७८ “आनंद संवत्सर” का प्रथम ग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण वैशाख शुक्ल १५ (पूर्णिमा) बुधवार २६ मई २०२१ को चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग के साथ उत्तर-दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर व हिन्द महासागर में दिखाई देगा इनके अतिरिक्त विश्व के अन्य किसी भाग में यह ग्रहण नही दिखाई देगा अतः इन जगहों पर ही ग्रहण व सूतक का मान रहेगा अन्य किसी स्थान पर नही इस ग्रहण का ग्रासमान १.०१६ रहेगा।
ग्रहण काल के दिन पूर्णिमा तिथि, तथा अनुराधा नक्षत्र रहेगा साथ ही इस दिन चंद्रमा का गोचर वृश्चिक राशि से रहेगा तो चलिए जानते हैं इस गोचर का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा:-
मेष राशि:-
मेष राशि वालों के यह यह ग्रहण अष्टम भाव पर लगेगा जिस कारण से स्वास्थ्य जनित समस्याएं उत्पन्न हो सकती है अतः स्वास्थ्य के प्रति पूर्णतया सचेत रहें, मानसिक तनाव में वृद्धि होगी, जीवनसाथी या किसी महिला पर धन व्यय होने के योग बनेंगे, महिलाओं से सतर्क रहें अन्यथा महिलाओं द्वारा अपमानित होने के योग बनेंगे।
उपाय:- सुंदरकांड का पाठ करें।
वृषभ राशि:-
वृषभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण सप्तम भाव में होने से अशुभ है अतः स्वास्थ्य के प्रति पूर्णतया सतर्क रहें, जीवनसाथी से विवाद संभव है, कुटुंब में मतभेद रहने से मन अशांत रहेगा, भाग्य में कड़े संघर्ष उपरांत वृद्धि होगी, रोजगार के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को बेहद सतर्कता बरतनी होगी चूँकि गुरु का आपकी राशि से दशम में गोचर है अतः कुछ संघर्ष के उपरांत रोजगार के क्षेत्र में लाभ भी होगा, माता-पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें, जिन्हें रक्त जनित समस्याएं हैं वह और भी सतर्क रहें, आपकी राशि के मारक स्थान पर लगने वाला यह गोचर सुख-शांति की हानि व रोग, व्याधि और पीड़ा में वृद्धि वाला रहेगा।
उपाय:- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मिथुन राशि:-
मिथुन राशि वालों के लिए यह ग्रहण षष्ठ भाव में होगा अतः मिथुन राशि वालों को भी स्वास्थ्य के प्रति पूर्णतया सतर्क रहना होगा, कुंडली के षष्ठ भाव से रोग, शत्रु व ऋण का विचार किया जाता है अतः इस ग्रहण के प्रभाव से इन तीनों में वृद्धि होगी चूँकि गोचरस्थ गुरु की लग्न, तृतीय व पंचम भाव पर दृष्टि है अतः किसी प्रकार के अनिष्ट की संभावना कम है फिर भी सतर्क रहें, निकट भविष्य में किसी यात्रा के संकेत मिल रहें जो कि अनिष्टकारी रहने वाली है अतः यात्रा को टालने का प्रयास करें, मामा पक्ष को कष्ट संभव है, मन व्यथित रह सकता है, ठंडी चीजों से परहेज करें।
उपाय:- गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें।
कर्क राशि:-
कर्क राशि वालों के लिए यह ग्रहण पंचम भाव से रहेगा अतः संतान को कष्ट संभव है, विद्यार्थियों के लिए यह समय शुभ नही रहेगा, प्रेमी-प्रेमिकाओं में विवाद की संभावना रहेगी, मन व्यथित रहेगा, दाम्पत्य जीवन में विवाद संभव है, बड़ी बहन से विवाद संभव है, अचानक किसी महिला से लाभ प्राप्त होगा।
उपाय:- विल्वाष्टकम् का पाठ करें।
सिंह राशि:-
सिंह राशि वालों के लिए यह ग्रहण चतुर्थ भाव से रहेगा अतः घर के सुख-संबंधों में कुछ कमी रहेगी, यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो यह ग्रहण प्रत्येक प्रकार से अनिष्टकारी सिद्ध हो सकता है, माता-पिता को कष्ट संभव है, धोखा मिलने की संभावना रहेगी अतः किसी पर अधिक विश्वास करने से बचें, कार्यक्षेत्र में चतुराई के माध्यम से कुछ कड़े संघर्ष उपरांत बड़ी सफलता मिलने के पूर्ण योग है अतः इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएं।
उपाय:- आदित्य हिर्दय स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या राशि:-
कन्या राशि वालों के लिए यह ग्रहण तृतीय भाव से रहेगा अतः छोटे भाई-बहन को कष्ट संभव है, तृतीय भाव से आयुष्य का भी विचार किया जाता है अतः कन्या राशि वालों के स्वास्थ्य में समस्याएं रह सकती है, कार्य के सिलसिले से निकट भविष्य में यात्राओं के योग बनेंगे, पंचम भाव पर शुक्र, राहु, बुध व सूर्य की युति यात्राओं के अवसर, संतान सुख, महिलाओं से लाभ, स्थान परिवर्तन के साथ भाग्य वृद्धि के योग बनाएंगे ही गुरु की दशम भाव पर दृष्टि कार्यक्षेत्र में उन्नतिदायक रहेगी किंतु मन व्यथित रहेगा, बड़े भाई-बहन को कष्ट संभव है।
उपाय:- गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें व गणेश गायत्री की 1 माला मंत्र जाप करें।
तुला राशि:-
तुला राशि वालों के धन व कुटुंब भाव से यह ग्रहण रहेगा अतः कुटुंब में कुछ मतभेद रहेंगे व धन संचय में कठिनाई आएंगी, वाणी पर नियंत्रण रखें, शुक्र के अष्टम से गोचर के कारण से आयुष्य की रक्षा होगी किंतु राहु का अष्टम भाव से गोचर स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नही है अतः स्वास्थ्य का ख्याल रखें विशेषतः पेट, नासिक व गर्दन में समस्याएं रह सकती हैं जिन व्यक्तियों को थाइरॉइड या हार्मोन्स में असंतुलन की समस्या हो उनको इस ग्रहण से विशेष कष्ट प्राप्त होने के योग बन रहे हैं अतः स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
उपाय:- सिद्धकुंजिका स्तोत्र व नवचंडी का पाठ करें।
वृश्चिक राशि:-
वृश्चिक राशि वालों के लिए लग्न से यह ग्रहण रहेगा अतः स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें तथा मन में नियंत्रण को बनाएं रखें, इस ग्रहण के प्रभाव के कारण से तनाव में वृद्धि व चोटादि लगने के योग बन रहे हैं, जीवनसाथी से विवाद संभव है किंतु आप चतुराई से परिस्थितियों को नियंत्रण में ला सकेंगे, माता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें, नौकरी पेशा लोगों को कुछ समस्याओं के साथ संघर्ष करने पर सफलता प्राप्त होगी, व्यर्थ की यात्राओं को टालने का प्रयास करें।
उपाय:- हनुमान बाहुक व सुंदरकांड का नित्य पाठ करें।
धनु राशि:-
धनु राशि वालों के द्वादश भाव से यह ग्रहण रहेगा अतः व्यर्थ मन व्यथित रहने से तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न होंगी, अनिष्टकारी यात्राओं के योग बनेंगे, व्यय में वृद्धि होगी, स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, जीवनसाथी से विवाद संभव रहेगा, भाग्य में व्रद्धि होगी, छुपे हुए शत्रुओं से सावधान रहें, किसी महिला द्वारा तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न होंगी।
उपाय:- राम रक्षा स्तोत्र व विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें।
मकर राशि:-
मकर राशि वालों के एकादश भाव से यह ग्रहण रहेगा अतः निकट भविष्य में आय को लेकर अस्थिरता बनने के योग बनेंगे जिसमें अचानक से धन लाभ होगा वहीं अचानक धन हानि या धन व्यय के योग बनेंगे, धन संचय में कुछ त्रुटि रहेगी, संतान व बड़ी बहन, माता, मामी, बुआ को कष्ट संभव रहेगा, विद्यार्थियों के लिए भी यह ग्रहण अत्यधिक शुभदायक नही रहेगा।
उपाय:- मधुराष्टकं व राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
कुंभ राशि:-
कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण दशम भाव में रहेगा अतः पिता के स्वास्थ्य का ख्याल रखें, कार्यक्षेत्र व पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव में वृद्धि होगी, घर के सुख-संबंधों में कुछ त्रुटि रहेगी, यदि आपके घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो यह ग्रहण प्रत्येक प्रकार से अनिष्टकारी सिद्ध होगा, बड़े भाई से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा व जो व्यक्ति पुलिस, चिकित्सा, विज्ञान, रसायन आदि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनके लिए यह ग्रहण शुभफलदाई रहेगा, स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।
उपाय:- हनुमान बाहुक व सुंदरकांड का पाठ करें।
मीन राशि:-
मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण नवम भाव से रहेगा अतः छोटे भाई-बहन के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, संतान को कष्ट संभव है, विद्यार्थियों की शिक्षा में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं, तृतीय भाव से आयुष्य का भी विचार करते हैं वहाँ शुक्र, राहु, बुध व सूर्य की युति स्वास्थ्य में अचानक से किसी समस्या को उत्पन्न कर सकती है, धन व्यय में वृद्धि होगी, प्रेमियों के मध्य विवादपूर्ण स्थिति उत्पन्न होगी, किसी महिला के स्वास्थ्य में अचानक समस्या उत्पन्न होने के कारण से तनाव बना रहेगा।
उपाय:- विष्णु सहस्रनाम व राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
Mobile:- 9919367470, 7007245896
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