कुंभ राशि: जानिए, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
कुंभ राशि: जानिए, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
कुंभ राशि वाले व्यक्तियों का शरीर अपेक्षाकृत लंबा होता है साथ ही ऐसे व्यक्ति पुष्पों और सुगंधित द्रव्यों के शौकीन होते हैं, कुंभ राशि वाले व्यक्ति कभी क्षय को प्राप्त होते हैं और कभी वृद्धि को कहने का आशय यह है कि कुंभ राशि वाले व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आता रहता है, कुंभ राशि वाले व्यक्ति दयालु, दानी, मिष्ठान भोजी, धर्म कार्य में जल्दी करने वाले, प्रियभाषी, आलसी, प्रसन्नचित्त, विलक्षण बुद्धि, मित्रों के प्रिय, शत्रुओं पर विजय पाने वाले, यात्रा प्रिय, अत्यंत कामी एवं सभा सोसाइटी में प्रेम रखने वाले होते हैं, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों का प्रायः गला लंबा, पैर तथा पैर के जोड़ और पीठ थोड़ी लंबे और मोटे होते हैं एवं पेट भारी, चौड़ा मुख तथा बाल रूखे होते हैं, ऐसे व्यक्तियों को किसी ऊंचे स्थान से गिरकर चोट लगने या जल से भय रहता है, काँख, पैर और मुख में तिल आदि का चिन्ह रहता है तथा कफ रोग से पीड़ा रहती है, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के प्रायः दो विवाह होते हैं या एकाधिक संबंध होते हैं, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों को विद्या विभाग, कला और राजनीति से जुड़े कार्यों में रुचि रहती गया, कुंभ राशि वाले व्यक्ति किसी गुप्त मंडली के सदस्य भी होते हैं।
कुंभ राशि वालों के लिए १, ५, १२, १५, २५, २८, ३५ व ४५ वां वर्ष अनिष्टकारी होता है प्रथम वर्ष में पीड़ा, ५ वें वर्ष में अग्नि भय, १२ वें वर्ष में सर्प अथवा जल भय और २८ वें वर्ष में चोर द्वारा धन हानि होती है, यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो तथा आयुष्य भाव को कोई क्रूर ग्रह न देखते हैं तो कुंभ राशि वाले व्यक्तियों की औसत आयु ९० वर्ष तक की होती है किंतु अन्य ग्रंथकारों में अलग-अलग आयु के विषय पर मत है उनके अनुसार कुंभ राशि वाले व्यक्तियों की औसत आयु ९५ वर्ष तक की होती है, कुंभ राशि वाले व्यक्ति ३० वर्ष की आयु के बाद अच्छी उन्नति करते हैं किंतु इनके जीवन में कभी हानि तो कभी लाभ वाली स्थिति प्रायः बनी ही रहती है, कुंभ राशि वालों के लिए द्वितीया, तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी तिथियाँ अशुभ होती है, शनिवार शुभफलदाई होता है, कुंभ राशि वाले व्यक्तियों के लिए वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वाले मित्र तथा मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि वाले प्रायः इनके शत्रु रहते हैं, आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, द्वितीया तिथि, गुरुवार, संध्याकाल समय एवं कृत्तिका नक्षत्र अनिष्टकारी रहता है।
जय श्री राम।
Astrologer:- Pooshark Jetly
Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)
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