कर्क राशि: जानिए, कर्क राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

कर्क राशि: जानिए, कर्क राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

 

कर्क राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

कर्क राशि वाले व्यक्तियों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

 

कर्क राशि वाले व्यक्ति स्त्री निर्जित अर्थात स्त्रियों से जीता हुआ या स्त्रियों के वशीभूत , स्थूल गले वाला और मित्रवान होता है, ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं तथा इनके पास एक से अधिक मकान होते हैं (चतुर्थ भाव पर शुभ ग्रहों का संबंध होने पर ही यह योग फलित होगा।) साथ ही ऐसे व्यक्तियों की कमर मोटी किंतु कद छोटा होता है, कर्क राशि में जन्मे व्यक्ति बुद्धिमान और जलविहार के शौंकीन होते हैं तथा अपेक्षाकृत तेज चलते हैं, इनको थोड़े पुत्र होते हैं तथा ऐसे व्यक्ति कुटिल भी होते हैं, कर्क राशि वाले व्यक्ति परोपकारी, वस्तुओं के संग्रह में कुशल, गुणी, माता-पिता व गुरु के भक्त, सुगंधित वस्त्रुओं के प्रति आकर्षिक होने वाले, जल क्रीड़ा प्रेमी, मित्रों में प्रिय, वाटिका प्रेमी, दयालु, मिलनसार, प्रेमी एवं अधिकारी होते हैं, इनके शरीर के बाएं भाग में अग्नि भय और मस्तक पीड़ा से व्यथा होती है, ऊंचे स्थान से गिरकर चोट लगने की संभावना भी रहती है या अग्नि, जल से चोट तथा किसी उच्च अधिकारी द्वारा दोषी निश्चय किया जाने का भय रहता है, इनका कद मंझोला और गाल पुष्ट होते हैं, कर्क राशि वाले व्यक्ति सुंदर तथा कफ प्रकृति और स्त्री के वशीभूत रहते हैं, कर्क राशि वाले व्यक्तियों के जीवनसाथी उनके प्रति समर्पित किंतु कुछ बंधन सा अनुभव करने वाले और इसी कारण से विवादपूर्ण स्थिति के उत्पन्न होने से मानसिक तनाव लेने वाले होते हैं, स्त्री संतति की अधिकता रहती है साथ ही कर्क राशि वालों की संतानों में कोई एक संतान विशेष उन्नति प्राप्त करने वाली होती है साथ ही ऐसे व्यक्ति अपनी इच्छा के विरुद्ध विपरीत लिंगी व्यक्ति से संबंध बनाने वाले और उससे भयभीत रहने वाले होते हैं, कर्क राशि वालों की व्यवसाय के माध्यम से अधिक उन्नति होती है किंतु धन को लेकर चिंता हमेशा बनी रहती है, कर्क राशि वाले व्यक्ति जलाशय के समीप निवास करने की चाह रखने वाले या जल की यात्रा करने के शौंकीन या तरल पदार्थों के व्यापारी और गणित एवं ज्योतिष के प्रेमी होते हैं।

 

कर्क राशि वालों के लिए १, ३, १२, २१, ३१, ३२, ४१, ५१, ६१ वां वर्ष आशुभ रहता है प्रथम वर्ष में रोग, तृतीय वर्ष में लिंग स्थान में पीड़ा, ३१ वें वर्ष में सर्प भय तथा ३२ वें वर्ष में रोग का भय रहता है, कुंडली में शुभ योग होने पर कर्क राशि वालों की औसत आयु ८५ वर्ष तो कुछ ग्रंथों के अनुसार ८८ से ९६ तक होती है, द्वितीया, सप्तमी एवं द्वादशी तिथियाँ इनके लिए अशुभ होती है, सिंह, मिथुन और कन्या राशि वाले व्यक्ति इनके लिए अच्छे और मेष, वृषभ, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ व मीन राशि वाले व्यक्ति साधारण मित्र होते हैं साथ ही कर्क राशि वालों के लिए माघ मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र व शुक्रवार अनिष्टकारी होता है।

 

जय श्री राम।

 

Astrologer:- Pooshark Jetly

Astrology Sutras (Astro Walk Of Hope)

Mobile:- 9919367470, 7007245896

Email:- pooshark@astrologysutras.com

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *