सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण का वर्णन श्रीमद्देवीभागवत महापुराण अनुसार

सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण का वर्णन श्रीमद्देवीभागवत महापुराण अनुसार     श्रीमद्देवीभागवत महापुराण के तृतीय स्कंध के अष्टम अध्याय में ब्रह्मा जी कहते हैं:-   ब्रह्मोवाच सर्गोऽयं कथितस्तात यत्पृष्टोऽहं त्वयाधुना। गुणानां रूपसंस्थां वै श्रृणुष्वैकाग्रमानस:।। सत्त्वं प्रीत्यात्मकं ज्ञेयं सुखात्प्रीतिसमुद्भव:। आर्जवं च तथा सत्यं शौचं श्रद्धा क्षमा धृति:।। अनुकम्पा तथा लज्जा शांति: संतोष एव च। एतै: सत्त्वप्रतीतिश्च … Continue reading सत्त्वगुण, रजोगुण और तमोगुण का वर्णन श्रीमद्देवीभागवत महापुराण अनुसार